राजधानी दिल्ली से सटे उत्तर प्रदेश के नोएडा यूपी एटीएस द्वारा शनिवार की रात को की गई कार्रवाई ने खुफिया एजेंसियों के कान खड़े कर दिए हैं.
खुफिया एजेंसियों की चिंता है कि आखिर नक्सली राजधानी के इतने नजदीक कैसे पहुंच गए?
यही नहीं उन्होंने भारी मात्रा में यहां हथियार भी जमा कर लिए और पुलिस और स्थानीय खुफिया तंत्र को भनक तक नहीं लगी.
नक्सलियों के पास से जिस प्रकार भारी मात्रा में हथियार और डेटोनेटर्स मिले हैं उससे लगता है कि ये किसी खतरनाक मिशन के तहत ही राजधानी के नजदीक रह रहे थे।
बताया जाता है कि ये सभी 10 नक्सली जिस बड़ी वारदात को अंजाम देने की साजिश रच रहे थे वह असल साजिश क्या है यह अभी तक उन्होंने पुलिस को नहीं बताई है.
आईबी को शक है कि नक्सली देश की राजधानी सहित एनसीआर में एक नहीं कई वारदातों को अंजाम देने की फिराक में थे. संभवना यह भी व्यक्त की जा रही है कि इनका इरादा हो कि वारदात को अंदाम वे दे और सुरक्षा एजेंसियों और पुलिस का शक पाकिस्तानी प्रशिक्षण प्राप्त मुस्लिम आतंकवादियों पर जाए. इस प्रकार वे अपने मिशन को अंजाम दे कर चुपचाप निकल कर किसी अन्य जगह पर ठिकाना बना दूसरे मिशन में लग जांएगे. पुलिस आतंकवादियों पर शक कर उनकी तलाश में हाथ पांव मारती रहेगी.
क्योंकि जांच में यह भी पता चला है कि इनके पास बिहार से घातक हथियारों की एक खेप भी आने वाली थी. बनारस से पकड़े गए दो लोगों में से एक सुनील के पास से इनसास राईफल बरामद हुई है. यहीं नहीं फ्लैट से लड़कियों के भी कुछ कपड़े मिले हैं. जिससे पता चलता है कि इनके ग्रुप में महिलाएं भी हैं. इनसे मिलने के लिए मुंबई और दूसरे प्रदेशों से उनके साथी आते-जाते रहते थे, जो संकेत करता है कि नक्सली किसी खास मिशन के तहत देश के बड़े शहरों के नज़दीक ठिकाने बना रहे हैं।
नोएडा से गिरफ्तार किए गए 6 नक्सलियों के पास से 2 राइफले 6 पिस्टल, ग्रेनेड, 3 कार, 125 डेटोनेटर्स, 2 लैपटॉप और भारती मात्रा में गोलियों बदामद हुई है. इसके अलावा बम बनाने का सामान भी मिला है. इनकी निशानदेही पर 4 अन्य नक्सलियों को भी प्रकड़ा गया है.
इन नक्सलियों ने शुरूआती जांच में पुलिस को बताया कि इनकी प्लानिंग दिल्ली-एनसीआर इलाके में एटीएम वैन लूटने के अलावा किडनैपिंग करने की थी, इनकी बैंको में डकैती करने की योजना थी.
लेकिन पुलिस से जुड़े लोगों का कहना है कि ये नक्सली जांच को भटकाने के लिए इस प्रकार के बयान दे रहे हैं. क्योंकि राजधानी दिल्ली और उसके आसपास इस प्रकार की घटनाओं को अंजाम देना रिस्की है. क्योंकि यहां भीड़ में घिरने और पकड़े जाने की संभावना अधिक है।
बहराल, जांच में जो तथ्य सामने आए हैं उनसे पता चलता है कि नक्सलियों ने नोएडा को बेस कैंप बनाया था. उन्होंने यहां दो मकान और एक दुकान को किराए पर ले रखा था.अपनी पहचान छुपाने के लिए ये नक्सली प्रॉपर्टी डीलिंग का काम करते थे.
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