सीमा के इस पार और उस पार बढ़ी हलचलें इस बात का साफ संकेत है कि कुछ तो हुआ है, जो पाक प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को कहना पड़ा कि सेना तैयार रहे.
पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइन्स के प्रवक्ता और पाक वायु सेना के अधिकारी के विरोधाभाषी बयान भी इस बात का साफ संकेत है कि पाकिस्तान अपनी जनता से ऐसा कुछ छिपाना चाहता है, जिससे उनके मनोबल पर बुरा असर पड़ सकता है.
पाक प्रधानमंत्री नवाज शरीफ का न्यूयार्क से सेना प्रमुख राहिल शरीफ से फोन पर लंबी बात करना भी संकेत देता है कि मामला काफी गंभीर है.
आम तौर ऐसा होता नहीं है कि किसी देश का प्रधानमंत्री – पाक प्रधानमंत्री नवाज शरीफ – विदेश से फोन पर अपने देश के सेना प्रमुख से किसी आपात स्थिति को लेकर इतनी लंबी बात करे.
क्योंकि दोनों की बातचीत में कुछ बातें बेहद गोपनीय भी होती है, जिनके टैप होने और लीक होने का खतरा रहता है.
वहीं, भारत में सैन्य सू़त्रों के हवाले से ऐसी खबरे आई हैं कि सेना ने 20 सितंबर तारीख की रात में पाक सीमा में घुसकर कुछ अज्ञात स्थानों पर कमांडों कार्रवाई की है. इस खबर को इससे भी बल मिलता है कि 21 की सुबह पाक सेना ने अचानक भारत से लगते अपने उत्तरी सीमावर्ती हवाई क्षेत्र पर प्रतिबंध लगा दिया और सभी नागरिक उड़ानें रद्द कर दीं.
पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइन्स (पीआइए) के प्रवक्ता दान्याल गिलानी ने ट्वीट कर कहा, (सीएए) सिविल एविएशन अथॉरिटी, के निर्देशों के अनुसार उत्तरी इलाकों में हवाई क्षेत्र बंद रहेगा. पाक अधिकारियों की ओर से इसका स्पष्टीकरण देते यह कहा कि भारत के रूख को देखते हुए पाक वायु सेना अभ्यास करेगी, इसलिए बदं किया गया है.
लेकिन जानकारों का मानना है कि यह तर्कसंगत नहीं है क्योंकि किसी देश की वायुसेना इस तरह अभ्यास नहीं करती है. ऐसा किसी आपात स्थिति में ही किया जाता है.
पाकिस्तान में सीमावर्ती क्षेत्रों की ओर जाने वाली सड़कों को सैन्य मूवमेंट के लिए खाली कराया जाना भी किसी आपात स्थिति का संकेत है.
गौरतलब है कि पाकिस्तानी एयर फोर्स के लड़ाकू विमानों की मूवमेंट को लेकर जब पाक मीडिया ने इस बारे में सेना के वरिष्ठ अधिकारियों से प्रतिक्रिया जाननी चाही तो उन्होंने इस पर कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया. पाक अधिकारियों की इस चुप्पी ने भारत के मीडिया चल रही कंमांडों कार्रवाई की खबरों को और अधिक बल दिया क्योंकि पाक अधिकारी का जुबान न खोलना इस ओर संकेत करता है कि वे चुप रहकर कुछ ऐसा छिपा रहे हैं जो पाक आवाम लिए अच्छी खबर नहीं है.
सवाल पर चुपी न साधकर अधिकारी यह भी कह सकते थे कि पाक सेना ने अभ्यास किया है जैसा कि पाकिस्तान एयरलाइन्स के प्रवक्ता ने कहा था या यह भी कह सकते थे कि भारत की ओर से मिल रही धमकियों को देखते वायु सेना को अग्रिम मोर्चो पर भेजा जा रहा है या कोई अभ्यास किया जा रहा है.
लेकिन उन्होंने चुप रहकर न केवल शंकाओं को बल दिया बल्कि भारतीय मीडिया में चल रही कंमांडों कार्रवाई खबर पर एक प्रकार से मुहर भी लगा दी.
दरअसल, भारत कभी अपने मुंह से यह नहीं कहेगा कि उसकी सेना ने एलओसी पार कर पाक सीमा में कोई ऑपरेशन किया है. म्यांमार का मामला अलग था. वहां म्यांमार सरकार भारत सरकार के संपर्क में थी.
बतातें चलें कि भारत ने पूर्व में भी सीमा पार जाकर पाक सेना की चौकियों को तबाह कर दिया था लेकिन सार्वजनिक रूप से कभी नहीं कहा क्योंकि जिनेवा कन्वेंशन के नियमों के तहत इसका मतलब दूसरे मुल्क पर आक्रमण करना होता है.
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