नवरात्र में मां दुर्गा के नौ स्वरुपों की पूजा-अर्चना की जाती है. लेकिन किसी खास कार्य की सिद्धि के लिए नवरात्र में 10 महाविद्या की उपासना का विशेष महत्व है.
चाहे मां दुर्गा हों या फिर काली ये सभी देवियां शक्ति का ही स्वरुप मानी जाती हैं. इनमें बस अंतर है तो मुड और चित्रण का.
किसी खास कार्य की सिद्धि या शक्ति साधना में 10 महाविद्याओं की उपासना अहम मानी जाती है.
आइए जानते हैं इस 10 महाविद्या के बारे में और उनकी साधना से मिलनेवाले फल के बारे में.
दस महाविद्या के तीन समूह हैं.
पहला- सौम्य कोटि
त्रिपुर सुंदरी, भुवनेश्वरी, मातंगी और कमला
दूसरा- उग्र कोटि
काली, छिन्नमस्ता, धूमावती और बगलामुखी)
तीसरा- सौम्य-उग्र कोटि
तारा और त्रिपुर भैरवी.
दस महाविद्या ——
दस महाविद्या –
1- मां काली
देवी कालिका को काम रूपणि कहा जाता है. बीमारी का नाश, दुष्ट आत्मा से रक्षा, दुष्ट ग्रहों से रक्षा, अकाल मृत्यु के भय से बचने और वाक सिद्धि के लिए इनकी उपासना की जाती है. षटकर्म जैसे-मारण, मोहन, वशीकरण, सम्मोहन और उच्चाटन के लिए भी इस महाविद्या की उपासना की जाती है.
मंत्र- ‘ओम् क्रीं क्रीं क्रीं दक्षिणे कालिके क्रीं क्रीं क्रीं स्वाहा’
इस मंत्र के जाप के लिए काले हकीक की माला का उपयोग करना चाहिए और कम से कम 9,11,21 माला का जाप करना चाहिए.
2- मां तारा
मां तारा को तारिणी भी कहा गया है. जिस भक्त पर इस देवी की कृपा हो जाए, उसे भला और क्या चाहिए. इनकी साधना से वाक सिद्धि अतिशीघ्र प्राप्त होती है. तीव्र बुद्धि, रचनात्मकता, डॉक्टर-इंजीनियर की पढ़ाई और शत्रु को जड़ से खत्म करने के लिए इनकी उपासना की जाती है.
मंत्र- ‘ओम् ह्रीं स्त्रीं हुं फट’
इस मंत्र के जाप के लिए लाल मूंगा, स्फटिक या फिर काले हकीक की माला का उपयोग करना चाहिए और कम से कम 12 माला का जाप करना चाहिए.
3- त्रिपुर सुंदरी
इस दुनिया में कोई ऐसा काम नहीं है जिसे त्रिपुर सुंदरी ना कर सके. यह देवी भोग और मोक्ष दोनों ही साथ-साथ प्रदान करती हैं. ऐसी इस दुनिया में कोई दूसरी साधना नहीं है जो भोग और मोक्ष एक साथ प्रदान करे.
मंत्र- ‘ओम् ऐं ह्रीं श्रीं त्रिपुर सुंदरीयै नम:’
इस मंत्र के जाप के लिए रुद्राक्ष की माला का इस्तेमाल किया जा सकता है और कम से कम दस माला का जाप किया जाना चाहिए.
4- भुवनेश्वरी
यह साधना सभी प्रकार के सुखों में बढ़ोत्तरी करनेवाली है. देवी भुवनेश्वरी की खास बात यह है कि वे बहुत कम समय में प्रसन्न हो जाती हैं. लेकिन अगर एक बार रुठ गई तो उन्हें मनाना काफी मुश्किल होता है. इसलिए देवी मां से कभी झूठे वचन नहीं कहने चाहिए.
मंत्र- ‘ओम् ऐं ह्रीं श्रीं नम:’
इस मंत्र के जाप के लिए स्फटिक की माला का इस्तेमाल करना चाहिए और कम से कम ग्यारह या इक्कीस माला का जाप करना चाहिए.
5- छिन्नमस्ता
यह विद्या बहुत ही तीव्र है जो बहुत जल्दी अपना परिणाम दिखाने लगती हैं. यह छिन्नमस्ता देवी शत्रुओं का तुरंत नाश करनेवाली, वाक देनेवाली, रोजगार में सफलता, नौकरी में पदोन्नति, कोर्ट केस में मुक्ति दिलाने के लिए जानी जाती हैं. सरकार को आपके पक्ष में करनेवाली, कुंडिली जागरण में सहायक, पति-पत्नी को तुरंत वश में करनेवाली चमत्कारी देवी हैं.
मंत्र- ‘श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं वज्र वैरोचनीयै हूं हूं फट स्वाहा:’
इस मंत्र के जाप के लिए रुद्राक्ष या काले हकीक की माला का इस्तेमाल करना चाहिए और कम से कम ग्यारह माला या बीस माला जपना चाहिए.
6- त्रिपुर भैरवी
यह देवी प्रेत आत्मा के लिए बहुत ही खतरनाक हैं. बुरे तांत्रिक प्रयोगों के लिए, सुंदर पति या पत्नी की प्राप्ति के लिए, प्रेम विवाह, शीघ्र विवाह, प्रेम में सफलता के लिए श्री त्रिपुर भैरवी देवी की साधना करनी चाहिए. जिस किसी तांत्रिक समस्या का समाधान नहीं हो रहा है यह देवी उस समस्या का जड़ से विनाश करती हैं.
मंत्र- ‘ओम् ह्रीं भैरवी कलौं ह्रीं स्वाहा:’
इस मंत्र के जाप के लए मूंगे की माला का इस्तेमाल करना चाहिए और कम से कम इस देवी का मत्र जाप आप पंद्रह माला का जाप करना चाहिए.
7- धूमावती
हर प्रकार की दरिद्रता का नाश करने के लिए, तंत्र-मंत्र के लिए, जादू टोना, बुरी नज़र और भूत प्रेत आदि समस्त भयों से मुक्ति के लिए, सभी रोगों के लिए, अभय प्राप्ति के लिए, साधना में रक्षा के लिए, जीवन में आनेवाले हर प्रकार के दुखों दूर करने के लिए धूमावती माता की साधना करनी चाहिए.
मंत्र- ‘ओम् धूं धूं धूमावती देव्यै स्वाहा:’
इस मंत्र के जाप के लिए मोती की माला या काले हकीक की माला का उपयोग करना चाहिए और कम से कम नौ माला का जाप करना चाहिए.
8- बगलामुखी
वाक शक्ति से तुरंत परिपूर्ण करनेवाली, शत्रुनाश, कोर्ट कचहरी में विजय, हर प्रकार की प्रतियोगिता और परीक्षा में सफलता के लिए, सरकारी कृपा के लिए मां बगलामुखी की साधना करें.
इस विद्या का उपयोग केवल तभी करना चाहिए जब कोई रास्ता ना बचे. इस विद्या को ब्रह्मास्त्र भी कहा जाता है और यह भगवान विष्णु की संहारक शक्ति भी है.
मंत्र- ‘ओम् ह्लीं बगलामुखी देव्यै ह्लीं ओम् नम:’
इस मंत्र के जाप के लिए हल्दी की माला का उपयोग करना चाहिए और कम से कम 8,16,21 माला का जाप करें.
9- मातंगी
यह देवी घर गृहस्थी में आनेवाले सभी विघ्नों को हरनेवाली हैं. जिसकी शादी न हो रही हो, संतान प्राप्ति, पुत्र प्राप्ति या फिर किसी भी प्रकार के गृहस्थ जीवन की समस्याओं से छुटाकारा पाने के लिए देवी मातंगी की साधना उत्तम मानी जाती है.
मंत्र- ‘ओम् ह्रीं ऐं भगवती मतंगेश्वरी श्रीं स्वाहा:’
इस मंत्र के जाप के लिए स्फटिक की माला का उपयोग करना चाहिए और कम से कम बारह माला का जाप करना चाहिए.
10- कमला
नवरात्र के अलावा दीपावली के खास मौके पर भी माता कमला का पूजन किया जाता है. हर प्रकार की साधना में रिद्धी-सिद्धी पाने के लिए, अखंड धन-धान्य प्राप्ति के लिए, ऋण का नाश और महालक्ष्मी की कृपा पाने के लिए कमल पर विराजमान इस देवी की साधना करें.
मंत्र- ‘ओम् हसौ: जगत प्रसुत्तयै स्वाहा:’
इस मंत्र का जाप करने के लिए कमलगट्टे की माला का इस्तेमाल करें और कम से कम दस या इक्कीस माला का जाप करना चाहिए.
गौरतलब है कि इन दस महाविद्याओं में शामिल कई ऐसी देवियां हैं जो तीसरे दिन ही साधना का परिणाम दे देती हैं, लेकिन इनकी साधना के लिए ज़रूरी कि आप किसी योग्य गुरू का मार्गदर्शन लें और उपासना के लिए आवश्यक नियम व शर्तों का पालन करें.
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