दस महाविद्या –
1- मां काली
देवी कालिका को काम रूपणि कहा जाता है. बीमारी का नाश, दुष्ट आत्मा से रक्षा, दुष्ट ग्रहों से रक्षा, अकाल मृत्यु के भय से बचने और वाक सिद्धि के लिए इनकी उपासना की जाती है. षटकर्म जैसे-मारण, मोहन, वशीकरण, सम्मोहन और उच्चाटन के लिए भी इस महाविद्या की उपासना की जाती है.
मंत्र- ‘ओम् क्रीं क्रीं क्रीं दक्षिणे कालिके क्रीं क्रीं क्रीं स्वाहा’
इस मंत्र के जाप के लिए काले हकीक की माला का उपयोग करना चाहिए और कम से कम 9,11,21 माला का जाप करना चाहिए.