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भारतीय राष्ट्रगान की 10 बातें जिन पर होता है विवाद ! तस्वीरों में वायरल सच

भारतीय राष्ट्रगान जन गन मन  को लेकर सन 1911 से ही विवाद चल रहा है.

ऐसा बोला जाता है कि जन गन मन अंग्रेजी राजा के लिए लिखा गया गीत था.

जवाहरलाल नेहरू ने जबरदस्ती जन गन मन को देश का गान बनवाया था, जबकि सभी ने असेंबली में वंदेमातरम को चुना था.

आज तस्वीरों के जरिये आप राष्ट्रगान जन गन मन से जुड़ी ऐसी ही दस विवादास्पद बातों को जान सकते हैं-

1. सर्वप्रथम देश का राष्ट्रगान सन 1911 में गाया गया था. इसका निर्माण राष्ट्र लेखक रविंद्रनाथ टैगोर ने किया था.


2.  इंग्लैंड के राजा सर जार्ज पंचम जब भारत आये थे तब राष्ट्रगान जन गन मन उनके भारत आगमन होने पर गाया गया एक गीत था.


3. 1947 में असेंबली में इस बात पर लंबी बहस चली कि राष्ट्रगान वंदे मातरम हो या जन-गण-मन. जब वोट पड़े तो वंदे मातरम के पक्ष में पड़े थे, लेकिन जवाहरलाल नेहरू जन गण मन को ही राष्ट्रगान बनाना चाहते थे.


4. यह विवाद सन 1947 से ही चल रहा है कि राष्ट्रगान देश के लिए नहीं बल्कि एक खास व्यक्ति के लिए लिखा गया था.


5. जार्ज पंचम ने इसको इंग्लैंड जाकर अंग्रेजी में अनुवाद कराया था और इस गीत को सुनते हुए वह बहुत प्रसन्न क्यों हुआ था?


6. 24 जनवरी 1950 को राष्ट्रगान को मान्यता दी गयी थी और इस गीत की पूरी अवधि 52 सैकेंड है. इतने समय में इसको खत्म हो जाना चाहिए.


7. स्वर्गीय राजीव दीक्षित के अनुसार राष्ट्रगान को जानबूझकर रवीन्द्रनाथ टेगौर से लिखवाया गया था. इन पर दवाब था कि वह वंदेमातरम् जैसा कुछ लिखें. वंदेमातरम से अंग्रेज काफी जलते थे.


8. हे भारत के भाग्य विधाता (सुपर हीरो-किंग जार्ज ) तुम्हारी जय हो. ऐसा बोला जाता है कि भारत भाग्य विधाता, इंग्लैंड के राजा जार्ज पंचम को बोला गया था.

9. बीबीसी के सर्वें में साफ हुआ था कि दुनिया का सबसे ज्यादा लोकप्रिय गीत आज भी वंदेमातरम् ही है.

10. नेहरू का यह तर्क भी कुछ लोग बताते हैं कि वह कहते थे कि वंदेमातरम बैंड पर नहीं गाया जा सकता है, जबकि जन-मन-गन बैंड पर अच्छा लगेगा. इसलिए वह इस गीत को देश का राष्ट्रगान बनाना चाहते थे.

सच जो भी हो, किसी की मंशा जो भी हो, लेकिन आज वक़्त आ गया है कि कोई जिम्मेदार व्यक्ति सामने आये और सालों से चलते आ रहे इस विवाद को खत्म करे.

Chandra Kant S

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Chandra Kant S

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