महात्मा गांधी को कोई गोली मार सकता है, इस बात पर गांधी हत्या से पूर्व कोई यकीन नहीं कर सकता था.
भला अहिंसा की बात करने वाले व्यक्ति का भी कोई दुश्मन हो सकता है?
लेकिन कौन जानता था कि एक भारतीय जिसका नाम नाथूराम गोडसे है वह गाँधी जी को गोली मार देगा.
गांधी जी की हत्या के पीछे कई कारण रहे थे.
कहने को तो बोला जाता है कि नाथूराम गोडसे एक दिमागी मरीज था किन्तु सच्चाई यह है कि नाथूराम कोई दिमागी मरीज नहीं किन्तु अवसाद से पीड़ित व्यक्ति था. वह दुखी था क्योकि उसके अनुसार गांधी जी अब मुद्दों से हट रहे थे. हो सकता है कि गांधी की हत्या गोडसे से करवाकर किसी ने अपना हित सही किया हो.
आज हम आपको अपनी इस खास पेशकश में यह बताने वाले हैं कि आखिर नाथूराम गोडसे ने गांधी जी की हत्या से पूर्व कौन-कौन सी तैयारी की थी-
गांधी जी की हत्या के कारण –
नाथूराम गोडसे को कहीं ना कहीं ऐसा लगने लगा था कि महात्मा गांधी अब मुसलमानों का ज्यादा पक्ष लेने लगे हैं. गोडसे जिन संस्थानों के साथ जुड़ा था वहां कई तरह की मानसिकता के लोग आते थे और हो सकता है कि गोडसे किसी ऐसे व्यक्ति के साथ जुड़ गया था जो गांधी के खिलाफ सोचता था. तभी गोडसे को लगता था कि गांधी जी अब मुस्लिमों के पक्ष में ज्यादा बातें कर रहे हैं.
साथ ही साथ नाथूराम मानता था कि गांधी जी ने ही देश का बंटवारा करवाया है. देश के टुकड़े करने वाला व्यक्ति कोई और नहीं किन्तु महात्मा जी ही हैं.
गाँधी जी की नीतियाँ भी नाथूराम गोडसे को पसंद नहीं आ रही थीं. नेहरु और गांधी जी दोनों ही गोडसे की आँखों में खटकने लगे थे. और इसका परिणाम अंत में क्या हुआ, यह सब आप जानते ही हैं.
नाथूराम फांसी से डरता नहीं था –
नाथूराम गोडसे को पता था कि गाधी जी की हत्या के बाद उसको फांसी ही होगी. इसके बाद वह हमेशा सालों तक अपने जहन से मौत का डर निकाल रहा था. नाथूराम गोडसे जानता था कि हो सकता है कि पुलिस उसको गोली मार दे या जनता ही उसको मार दे, किन्तु सालों से गोडसे मौत का डर अपने दिल और दिमाग से निकाल रहा था.
गांधी जी के आसपास की पड़ताल कई बार की थी –
गोडसे कई बार गांधी जी की सभाओं में आता था और आसपास के हाल और माहौल को जानने का प्रयास करता था. गोडसे कोई शातिर क्रिमिनल तो नहीं था किन्तु फिर भी इसके काम करने का लहजा कोई आम नहीं था.गांधी जी के पास कौन-कौन रहता है और पुलिस कर्मचारी कहाँ रहते हैं, यह सब कई बार देखा गया था.
घर में एक साल तो जेल की तरह रहा नाथूराम गोडसे
नाथूराम गोडसे ने यह बात अपने कई साथियों को बाद में बताई है कि वह एक साल तो घर में ही जेल ही तरह रहा है. तो एक तरह से घर को ही जेल बना दिया गया था. जेल में रहने का यह बस एक अभ्यास था. यहाँ ना हवा थी और ना पानी, घर के खिड़की-दरवाजे बंद रहते थे और तब नाथूराम ने खुद को जेल का आदि बनाया था.
पेपर वर्क भी किया था
पुलिस ने जब उस समय नाथूराम गोडसे के घर की तलाशी ली थी तो उनको यहाँ कई सबूत भी मिले थे कि नाथूराम काफी समय से गांधी जी की हत्या के लिए तैयारी कर रहा था. पुलिस ने कई पेपर भी अदालत में पेश किये थे, जो यह साबित करता है कि नाथूराम गोडसे पेपर वर्क भी कर रहा था.
हथियार पर भी रिसर्च हुई थी
गांधी जी को मारने के लिए किस हथियार का इस्तेमाल किया जाये, इसकी भी तैयारी नाथूराम ने की थी. यहाँ तक कि गांधी जी पर गोली चलाने के लिए साहस की आवश्यकता होगी, गोडसे यह जानता था. इस बात पर भी काफी काम किया गया था.
नाथूराम गोडसे के पत्रों को उस समय की सरकार ने रोक दिया था और उसने वैसे अपनी तैयारी वाली बातें कई पत्रों में खुलकर लिखी भी थीं.
कई लेखकों ने थोड़ा-थोड़ा ही सही लेकिन गांधी हत्या की पूर्व तैयारी को लेकर लिखा भी है. लेकिन यहाँ बताई गयी बातें, नाथूराम गोडसे द्वारा की गयी मोटी-मोटी तैयारी ही है.इस तरह की प्लानिंग कर नाथूराम गोडसे ने गांधी हत्या को अंजाम दिया था.