धरती की सरहद – हमारे सौंरमंडल के बारे में जानने के लिए नासा कुछ ना कुछ करती रहती है।
कभी वो अंतरिक्ष में अपना यान भेजकर स्पेस की जानकारी हासिल करती है कभी धरती पर ही रह कर स्पेस के बारे में रिसर्च करती है। अब एक बार फिर नासा एक नया बदम उठाया है।
अमेरिकी अंतरिक्ष कार्यक्रमों से जुड़ी एजेंसी नेशनल एरोनॉटिकल एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन ने गुरुवार को ग्लोबल स्केल ऑब्जर्वेशंस ऑफ द लिंग एंड डिस्क अर्थात् गोल्ड मिशन लॉन्च करेगा। आपको बता दें कि इस मिशन का मकसद अंतरिक्ष में धरती की सरहद जानने का प्रयास करना है।
बुधवार को अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा कि यह नासा का पहला मिशन है जिसके तहत वह कोई उपकरण व्यावसायिक रूप से अंतरिक्ष में भेजेगा। इस मिशन में एसईएस – 14 व्यावसायिक संचार उपग्रह छोड़ा जाएगा।
इस गोल्ड मिशन के प्रमुख अन्वेषणकर्ता रिचर्ड एस्टेस ने कहा कि ‘वाह्य वायुमंडल पूर्व कल्पना से ज्यादा परिवर्तनशील है लेकिन हम विभिन्न कारकों के बीच अंतरक्रिया को नहीं जान पाते हैं।
साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि इस मिशन से ये बात स्प्ष्ट होगी कि विभन्न प्रकार के गतिमान पिंड कैसे मिलते हैं और एक दूसरे पर क्या प्रभाव डालते हैं। नासा का यह मिशन पृथ्वी को और करीब से जानने के लिए है।
इसके अलावा पिछले हफ्ते ही स्पेस स्टार्टअप रॉकेट लैब ने चोरी-छिपे आसमान में एक बहुत बड़ा ‘डिस्को बॉल’ भेजा है जो सभी की चिंता का कारण बन गया है। ये बॉल रात के समय सबसे तेज और ज्यादा चमकती है और ये 3 फुट की है। आपको बता दें कि इस बॉल को ह्यूमैनिटी स्टमर का नाम दिया गया है। आपको तो ये काम बड़ा अनोखा लग रहा होगा लेकिन दुनियाभर के एस्ट्रो नॉट्स और एस्ट्रो नॉमर्स कंपनियां इस काम से खुश नहीं हैं। उनका कहना है कि कंपनी अपने इस काम से स्पेस में कचरा फैला रही है।
इस 3 फुट के गोले को कुछ इस तरह बनाया गया है कि ये बड़ी मात्रा में पृथ्वी पर लाइट रिफ्लैक्ट करता है और इसे आप नंगी आंखों से भी देख सकते हैं। कंपनी का कहना है कि उन्होंने इसे आसमान में इसलिए भेजा है ताकि लोग एकता की ताकत को महसूस कर सकें। वो एक ही बार में ये महसूस कर सकें कि वो एक ही आसमान के नीचे हैं और उन्हें अपनी समस्याएं मिलकर सुलझानी हैं।
जबकि अन्य एस्ट्रो नॉमर्स ने कंपनी के इस कदम की निंदा करते हुए कहा है कि इससे लाइट पॉल्यूशन फैल सकता है जिसकी वजह से लोगों का निद्रा चक्र भी प्रभावित होगा। स्टडी कर रहे एस्ट्रोनॉमर्स को भी इस चमकते हुए बॉल से दिक्कत होगी।
धरती की सरहद – अब तो आप जान गए ना कि पृथ्वी और सौरमंडल के बारे में जानकारी एकत्र करने के लिए हमारे एस्ट्रोनॉमर्स कितना कुछ करते हैं। इसके अलावा एस्ट्रोनॉमर्स ने कई बार एलिंयस के वजूद की भी बात कही है। वैज्ञानिकों की मानें तो उन्हें ऐसे कई सबूत मिले हैा जिनके आधार पर वो कह सकते हैं कि हमारी तरह किसी ग्रह पर एलियंस की दुनिया भी बसी हुई है और समय आने पर वो हमारी ओर जरूर आएंगें।
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