मशरुम – भारत में वैसे तो राजनीतिक पार्टियों के बीच आरोप प्रतिआरोप, तंज का दौर चलता रहता है लेकिन चुनाव का मौसम आते ही ये तंज वार में बदल जाते है । और इन दिनों तो हर तरफ गुजरात चुनाव के ही चर्चे है ।
गुजरात के चुनाव का प्रचार अब बंद हो चुका है । चुनाव के अच्छे परिणामो के लिए पीएम मोदी ने भी गुजरात के अंबाजी मंदिर का दर्शन किए वही दूसरे तरफ राहुल गांधी ने अपना वार प्रेस कॉन्फ्रेंस करके किया। लेकिन इन सब के बीच बाजी गुजरात के कांग्रेस के युवा नेता अल्पेश ठाकोर अपने मजाकिया बयान से मार ले गए।
चुनाव प्रचार के आखिरी दिन अल्पेश ठाकोर ने मीडिया रिपोर्ट्स को पीएम नरेंद्र मोदी के गोरेपन का राज बताया, जो अब अखबारों से ले सोशल मीडिया पर हंसी का विषय बन हुआ है ।
दरअसल अल्पेश ठाकोरा ने कहा कि ” नरेंद्र मोदी जी जो खाना खाते हैं वो हभ और आप नही खा सकते क्योंकि वो गरीबों का खाना नही ।”
इस पर पत्रकारों ने अल्पेश से पूछा कि पीएम मोदी नरेंद्र मोदी ऐसा क्या खाते है ?
इसके जवाब में अल्पेश ने कहा कि मोदी जी मशरुम खाते है । मगर मिडिल क्लास लोग भी मशरुम खाते है । लेकिन अल्पेश जिसकी बात कर रहे थे वो कोई मामूली नही है। अल्पेश ने कहा कि ” जो मशरुम पीएम नरेंद्र मोदी खाते है वो ताइवान से आता है । जिसे आप या हम नही अफोर्ड कर सकते । ” इसके बाद अल्पेश ने आगे आगे नरेन्द्र मोदी पर चुटकी लेते हुए कहा कि ” तभी मैं सोचता हूं कि वो तो मेरी तरह काले थे वो इतने गोरे कैसे हो गए । मैने उनकी 35 साल पुरानी फोटो देखी है वो मेरे जैसे ही दिखते थे । “
आपको भी अल्पेश की ये बात पढकर हंसी आई होगी । फिर सोचिए सोशल मीडिया लवर्स को जब इस बात का पता चला होगा तो क्या हुआ होगा ।
अल्पेश के इस बयान को सुने के बाद हर कोई इस बात पर चुटकी लेते हुए अलग अलग तरह के जोक करने लगा । वैसृ आपको बता दे मोदी जी जो मशरूम खाते है वो ताइवान से आया है जिसकी एक मशरुम की कीमत 1 लाख रुपये है। और मोदी रोजाना चार मशरुम खाते है यानी आप हिसाब लगा सकते है कि मोदी जी का रोज का नाश्ता कितने लाखों का होगा । ताइवान से सप्लाई होने वाले इस मशरुम का नाम ट्रफ्लस है जिसमे विटामिन, प्रोटीन, एंटी ऑक्सीडेंट और भी बहुत से पोषक तत्व होते है जो हेल्थ और स्कीन के लिए काफी फायदेमंद होते है ।
ये मशरुम प्राकृतिक रुप से पाया जाता है इसकी खेती नही की जाती । जिस वजह से ये मशरुम बहुत मंहगा मिलता है क्योंकि पिछले कुछ वक्त में जलवायु परिवर्तन के कारण इस मशरुम की खेती में काफी गिरावट आई है ।
ट्रफ्लस नाम का ये मशरूम पेङ की लकङी पर या जमीन पर नही उगता । बल्कि जमीन के अंदर पेङ की जङ पर उगता है ।इन्हे ढूढने के लिए कुत्तों और जंगल के जानकारों का सहारा लिया जाता है।
इस मशरुम से एक बेहतरीन मनमोहक खुशबू आती है । अब मोदी जी अगर इस मशरुम को खाते है तो उनके चेहरे पर निखार आना तो लाजमी है ।
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