प्रियंका गांधी बार बार पूछती रहीं कि उनके पिता क्यों मारा गया, लेकिन राजीव गांधी की हत्या के आरोप में जेल बंद नलिनी श्रीहरण के पास इस सवाल का कोई जवाब नहीं था.
पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या करने की दोषी नलिनी श्रीहरण आजकल अपनी आत्मकथा को लेकर सुर्खियों में है. नलिनी ने अपनी आत्मकथा में प्रियंका गांधी से जेल में हुई उसकी चर्चित मुलाकात के बारे में भी बताया है.
राजीव गांधी की पुत्री प्रियंका नलिनी से यह जानना चाहती थीं कि हत्या के पीछे कौन लोग थे और उन्होंने उनके पिता को क्यों मारा था, लेकिन प्रियंका के बार बार पूछने पूछने पर भी नलिनी के पास इस प्रश्न का कोई उत्तर नहीं था.
इस पुस्तक में नलिनी ने बताया है कि चूंकि वह खुद एलटीटीई की सदस्य नहीं थी इसलिए इस बारे में वह प्रियंका को ज्यादा कुछ नहीं बता पाई.
गौरतलब है कि 25 साल से भी ज्यादा समय में जेल में बंद नलिनी, दुनिया में सबसे लंबे वक्त तक सजा काटने वाली महिला कैदी है. जेल में बिताए इस समय के दौरान नलिनी ने तमिल भाषा में 500 पन्नों की एक किताब लिखी है, जिसे 24 नवंबर को रिलीज होने जा रही है.
गौरतलब हो कि राजीव गांधी की हत्या के दो माह पूर्व 21 अप्रैल, 1991 को नलिनी की शादी एलटीटीई के लिए काम करने वाले श्रीहरण (मुरुगन) से हुई थी.
अपनी आत्मकथा में नलिनी श्रीहरण ने अपने बचपन, मुरुगन से अफेयर, जिन हालात में वह राजीव गांधी की हत्या की गवाह बनी और पांच दिन तक भागने की कोशिश, गिरफ्तारी, कस्टडी के दौरान मिली प्रताड़ना, जेल में उसके बच्चे का जन्म आदि के बारे में विस्तार से लिखा है. जब नलिनी श्रीहरण को राजीव गांधी की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया था उस वक्त वह दो महीने की गर्भवती थी.
लेकिन किताब में सबसे दिलचस्प हिस्सा उसकी प्रियंका गांधी के साथ 19 मार्च, 2008 को हुई 90 मिनट की वह मुलाकात है, जिसमें प्रियंका एलटीटीई द्वारा अपने पिता की हत्या की वजह जानने के लिए नलिनी से मिलने जेल में गई थी.
आत्मकथा में नलिनी श्रीहरण ने ये तो नहीं बातया कि उसके पति श्रीहरण ने राजीव गांधी की हत्या क्यों की, लेकिन श्रीहरण से अपने संबंधों को लेकर उसने लिखा है कि श्रीलंका के रहने वाला श्रीहरण उनकी जिंदगी में तब आया, जब उसे रहने के लिए किराए के एक मकान की तलाश थी. चेन्नई में जन्मी नलिनी ने अंग्रेजी साहित्य की पढ़ाई की थी और श्रीहरण के उसकी जिंदगी में आने से पहले वह एक प्राइवेट कंपनी में काम करती थी.
इसके बाद उसकी पहचान सिवरासन की जो कि श्रीहरण की तरह श्रीलंका का ही रहने वाला था. कुछ दिनों में सिवरासन, धानू को भी ले आया. यही धानू बाद में राजीव गांधी की हत्या में प्रयुक्त मानव बम बनी थी. इसके आलावा इस आत्मकथा एक दिलचस्प पहलू महात्मा गांधी से भी जुड़ता हैं. नलिनी ने लिखा है कि उसकी मां का नाम पद्मावती महात्मा गांधी ने रखा था. जो कि चेन्नई की एक अस्पताल में नर्स थीं.
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