भारत को अगर टोटकों का देश बोला जाए तो यह कहना गलत नहीं होगा.
हर बात और हर मुश्किल का हमारे यहाँ देशी जुगाड़ होता है. इस जुगाड़ को हम टोटका बोलते हैं.
अब आपने नींबू और मिर्ची वाले टोटके तो सुने ही होंगे. आज हम आपको बताने वाले हैं कि हमारे देश में समय पर मानसून को बुलाने के लिए भी कुछ अजब-गजब तरह के टोटके किये जाते हैं.
ऐसा ही एक टोटका है जो आदिवासी इलाकों में काफी किया जाता है. वैसे मध्यप्रदेश के कुछ आदिवासी इलाके और झारखण्ड के कुछ जिलों में यह टोटका किया जाता है. जिसमें मानसून को सही समय पर बुलाने के लिए कुछ घरों की औरतें बिलकुल नग्न होकर गाँव के खेतों में हल चलाती हैं.
तो आइये जानते हैं कि क्या है यह पूरी परंपरा और कैसे पूरा होता है यह टोटका
तो कुछ आदिवासी इलाकों में आज भी यह समझा जाता है कि कोई स्त्री इंद्र देव को आसानी से प्रसंनकर सकती है. इन लोगों को जब भी लगता है कि इस बार बारिश सामान्य से कम होने वाली है या फिर कि इस बार मानसून समय से नहीं आ रहा है तब यह लोग इस टोटके को आजमाते हैं.
इसके अन्दर गाँव की कुछ महिलाएँ एक खाली खेत में जाती हैं और बाकी गाँव की महिलायें इस खेत को चारों तरफ से घेर लेती हैं. यह टोटका रात में ही किया जाता है. जब यह हो रहा होता है तो वहां पर पुरुषों का जाना मना होता है और कोई भी गाँव का पुरूष इस परंपरा को तोड़ नहीं सकता है.
जब सभी औरतें गाँव को घेर लेती हैं तो कुछ महिलायें नग्न अवस्था में खेत के अन्दर हल चलाती हैं. यह लोग ऐसा मानते हैं कि इस टोटके के बाद मानसून समय पर गाँव के अन्दर आ जाता है.
तो अब आप ही बतायें है ना यह एक रोचक टोटका, जिसे आप पहली बार सुन रहे हैं.
वैसे कहते हैं कि उत्तर प्रदेश के कुछ जिलों में भी यह टोटका किया जाता है.
गाँव के लोग बताते हैं कि सालों से यह टोटका इनकी विरासत से ही चलता आ रहा है.
कई बार यह कारगर नहीं भी हो पाता है लेकिन अक्सर ऐसा देखा गया है कि इसके बाद गाँव में वर्षा हो ही जाती है. अगर आप इन लोगों से इसके पीछे के विज्ञान को जानना चाहेगे तो तब यह लोग एक दुसरे का बस मुंह तांकने लग जाते हैं.
दादा ने पिताजी को बोला था और पिताजी ने अपने बेटे को तथा इसी तरह से आगे भी यह चलता जा रहा है.