निधिवन में राधा का बंशी चोर मंदिर भी है और एक राधा कृष्ण का मंदिर भी है.
निधिवन के आस पास के घरों में निधिवन की तरफ खुलने वाली खिड़की नहीं बनायीं जाती. निधिवन में केवल राधा और कृष्ण ही रास नहीं रचाते अपितु राधा कृष्ण के साथ हजारों गोपीयां भी रास में हिस्सा लेती है. इन गोपियों के बारे में कहा जाता है कि निधिवन में मौजूद तुलसी के पौधे ही संध्याकाल में गोपियाँ बनकर रास में हिस्सा लेती है.