कहा जाता है कि राधा कृष्ण का दिव्य रास देखने वाला व्यक्ति अपना मानसिक संतुलन खो बैठता है.
कहा जाता है कि 10 वर्ष पहले जयपुर से आये एक अनन्य कृष्ण भक्त ने शाम होने के बाद चोरी छुपे निधिवन में राधा कृष्ण के अलौकिक रास को देखने की हिम्मत की. वृन्दावन के लोगों के अनुसार अगले दिन सुबह वो कृष्ण भक्त निधिवन के दरवाजे के सामने बेसुध हालत में पड़ा था और जब उसे होश आया तो उसका मानसिक संतुलन खो गया था.