यहाँ तक कि वन में रहने वाले पंछी भी अपना बसेरा छोड़कर उड़ जाते है कहीं ओर.
आखिर ऐसा क्या होता है जो इन्सान और पंछी चले जाते है यहाँ से?
जानकारों और यहाँ के स्थानीय लोगों की माने तो उनका कहना है कि निधिवन में आज भी स्वयं भगवान् श्रीकृष्ण राधा और गोपियों के संग यहाँ हर शाम रास रचाते है. लेकिन स्थानीय लोगों का ये भी कहना है कि इस दिव्य रास को देखने का सौभाग्य किसी को भी नहीं मिलता.
यदि कोई इस दिव्य रास को देखने की गलती कर बैठता है तो उसे कठोर दंड मिलता है.
आखिर क्या होगा यदि किसी ने देख लिया राधा कृष्ण का ये दिव्य रास.