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शैतान की बाइबिल – ये है दुनिया की सबसे रहस्यमयी और खतरनाक किताब!

शैतान की बाइबिल

बाइबिल ईसाईयों का प्रमुख धर्म ग्रन्थ है. 

कहा जाता है कि बाइबिल में ईसा मसीह की शिक्षाएं लिखी है और बाइबिल स्वयं ईश्वर का लिखा ग्रन्थ है.

समय समय पर बाइबिल में अलग अलग चीज़ें जोड़ी गयी. आज जो बाइबिल पढ़ी जाती है वो बाइबिल अपनी मूल बाइबिल से काफी अलग है.

क्या आप जानते है कि इश्वर द्वारा लिखी बाइबिल के अलावा भी एक बाइबिल खोजी गयी है.

इसे शैतान की बाइबिल कहा जाता है.

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यदि मिथकों की माने तो ये बाइबिल शैतान के आदेश पर लिखी गयी थी.

आज ये पुस्तक स्वीडन के राष्ट्रीय पुस्तकालय में संरक्षित है. ये पुस्तक हर मायने में बहुत खास है.

ये प्राचीन बाइबिल मध्ययुगीन किताबों में सबसे बड़ी है. इसमें कागज़ की जगह चर्मपत्रों  का उपयोग किया गया है. 

इस पुस्तक का आकर इतना बड़ा है कि इसे खोलने और उठाने के लिए कम से कम दो व्यक्तियों की ज़रूरत पड़ती है.

इस बाइबिल में करीब 160 चर्मपत्रों का उपयोग किया गया है.

इस बाइबिल में वो सब भी है जो ईसाई बाइबिल में है लेकिन इस शैतान की बाइबिल में सबसे रहस्यमयी बात जो है वो ये है कि इस पुस्तक की शुरुआत में ही एक विशाल चर्मपत्र पर शैतान का चित्र बनाया गया है.

इस पुस्तक का वजन करीब 85 किलोग्राम है. कहा जाता है कि इस पुस्तक को 13वीं सदी में लिखा गया था.

एक रात में लिखी थी ये विशाल पुस्तक

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मानने वाले कहते है कि शैतान ने एक व्यक्ति को अपने वश में करके एक रात में ही ये विशाल पुस्तक लिखवाई थी.

शोधकर्ता इस बात को मानने से पहले तो इंकार करते रहे थे, उनके अनुसार इतनी बड़ी पुस्तक लिखने के लिए उस समय की तकनीक के अनुसार कम से कम 30 वर्षों का समय लगना चाहिए.

लेकिन बाद में जब शैतान की बाइबिल की जांच की गयी तो वैज्ञानिक और पुरातत्ववेत्ता भी आश्चर्यचकित हो गए. ये पुस्तक हाथ से लिखी गयी है और जब लिखी की जांच की गयी तो पता चला कि ये पुस्तक एक ही व्यक्ति ने लिखी है.

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३० साल तक लगातार एकदम एक जैसी लिखी में लिखना किसी के लिए भी असम्भव है. अधिक जांच करने पर पता चला कि इस पुस्तक को बहुत ही थोड़े समय में लिखा गया है.

इसका मतलब ये कि शैतान की बाइबिल को लिखने में कहीं ना कहीं किसी काली शक्ति का हाथ था. एक साधारण मनुष्य के लिए इतनी विशाल पुस्तक इतने कम समय में लिखना असम्भव है.

नेशनल जिओग्राफिक के अनुसार यदि इस पुस्तक का लेखक दिन रात बिना रुके काम करता तो भी उसे कम से कम 25 वर्ष लगते इस बाइबिल को पूरा करने में. लेकिन अक्षरों  की सम्मिति और लिखावट ऐसी है कि लगता है ये पुस्तक बहुत कम समय में पूरी की गयी थी.

अब इस शैतान की बाइबिल के पीछे का सच क्या है और इसको किसने लिखा ये अब तक रहस्य ही है.