इतिहास

5 भारतीय नेताओं की रहस्यमयी मौतें, जो आज भी हैं अनसुलझी

लोक प्रसिद्ध इन भारतीय नेताओं को समय ने, हमसे वक़्त से पहले ही छीन लिया.

आज भी इनकी मौत के पीछे का सच कोई नहीं जान पाया है. यह हमारे देश की बदकिस्मती ही है कि वक़्त से पहले ही इन नेताओं को हमने खो दिया.

आइये जानते हैं ऐसे ही 5 नेताओं के बारे में-

1. सुभाष चन्द्र बोस

18 अगस्त 1945 को ताइवान में विमान हादसे में सुभाष चन्द्र बोस जी की मौत हो गयी. जबकि ताइवान सरकार ने अपना रेकॉर्ड देखकर खुलासा किया था कि 18 अगस्त, 1945 को ताइवान में कोई विमान हादसा हुआ ही नहीं था.

21 अक्टूबर 1943 को आज़ाद हिंद फ़ौज की स्थापना सुभाष चन्द्र बोस जी ने की. कहते हैं की सुभाष जी भारत को आज़ाद कराने के काफी करीब थे और अंग्रेज इस बात से घबरा चुके थे. आज तक सुभाष जी की मौत रहस्य बनी हुई है.

Subhash Chandra BoseSubhash Chandra Bose

Subhash Chandra Bose

2. लाल बहादुर शास्त्री

लालबहादुर शास्त्री जी ताशकंद में एक समझौता करते हुए, हमेशा के लिए शांत हो गये थे. आज 48 वर्ष बाद भी इनकी मौत रहस्य ही बनी हुई है. जिस होटल में इनको रूकवाया गया था, वहां मेडिकल की सुविधा का ना होना, एक मजाक लगता है. बाद में भारत आने पर इनके शरीर का मेडिकल निरीक्षण ना होना, कई लोगों को शक के घेरे में लेता है.

ज्ञात हो कि 11 जनवरी 1966 को भारत देश के प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की तत्कालीन सोवियत संघ के ताशकंद में रहस्यमय परिस्थितियों में मौत हो गई थी. यहाँ शास्त्री जी पाकिस्तान से समझौता करने गये थे.

Shri Lal Bahadur Shastri

3. श्यामा प्रसाद मुखर्जी

1953 के दौर में कश्मीर के अन्दर प्रवेश करने के लिए भारतीयों को एक पासपोर्ट टाईप का परमिट लेना पडता था. डॉ मुखर्जी इसका विरोध कर रहे थे और इसी को गलत साबित करने के लिए वह, बिना परमिट लिए जम्मू कश्मीर में चले गये थे. यहां इनको गिरफ्तार किया गया और इसके बाद जेल में ही इनकी संदेहजनक परिस्थितियों में मौत हो गयी थी.

आपको पता होना चाहिए कि श्यामा प्रसाद मुखर्जी एक चिन्तक और भारतीय जनसंघ (वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी) के संस्थापक थे.

Shyama Prasad Mukherjee

4. पंडित दीनदयाल उपाध्याय

पंडित दीनदयाल उपाध्याय 1953 से 1968 तक भारतीय जनसंघ के नेता रहे. पंडित जी ने अपना पूरा जीवन समाज की भलाई में लगा दिया था और इनके विचारों से देश काफी प्रभावित था.

पं. दीनदयाल उपाध्याय जी की हत्या सिर्फ़ 52 वर्ष की आयु में 11 फरवरी 1968 को मुग़लसराय के पास रेलगाड़ी में यात्रा करते समय हुई थी. इनका पार्थिव शरीर मुगलसराय स्टेशन के वार्ड में पड़ा पाया गया.

Pandit Din Dayal Upadhyay

5. संजय गाँधी

संजय गाँधी इंदिरा गाँधी के छोटे पुत्र थे और देश के तेज-तर्रार एक कांग्रेस के नेता भी. हवा में कलाबाज़ियां खाना इनका शौक हुआ करता था. 1976 में इन्हें हल्के विमान उड़ाने का लाइसेंस प्राप्त हुआ था.अल्पायु में ही एक हेलीकोप्टर दुर्घटना में इनकी मौत हो गयी थी. यह एक आकस्मिक मौत थी या साजिश आज तक यह राज ही है.

Sanjay Gandhi

उम्मीद करते हैं कि इन मौतों के पीछे का सच, हमें कभी ना कभी तो प्राप्त हो ही जायेगा और वही इन नेताओं को सच्ची सलामी होगी.

Chandra Kant S

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Chandra Kant S

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