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ईसाई सैनिक की मजार पर सिगरेट चढ़ाने आते है हिन्दू और मुसलमान, धार्मिक सदभाव की अनूठी मिसाल!

हमारा देश धर्म और मान्यताओं के मामले में बहुत ही अनोखा है.

हमारे देश में एक से बढ़कर एक अनोखे मंदिर, मजार, गिरजे मिल जायेंगे और एक से बढ़कर एक अनूठी परम्पराएँ.

आइये आज आपको बताते है एक ऐसी  मजार के बारे में जो हिन्दू और मुस्लिम दोनों मजहबों को मानने वालों की श्रद्धा का केंद्र है.

सबसे कमाल की बात ये है कि हिन्दू और मुसलमान दोनों जिस मज़ार का पर मन्नत मांगने आते है वो मज़ार एक ईसाई की है.

चलिए आपको ले चलते है इस अनोखे तीर्थस्थल की सैर पर और बताते है इस जगह का रोचक इतिहास.

लखनऊ में मूसा बाग़ नामक जगह पर एक मजार है जिसे कप्तान साब की मज़ार या फिर सिगरेट बाबा की मज़ार भी कहा जाता है. हिन्दू और मुसलमान दोनों ही यहाँ अपने मन की मुराद पूरी होने की आशा लेकर यहाँ आते है.

ये मज़ार एक आज़ादी से पहले के समय के ब्रिटिश कैप्टेन वेल्स की है.

यहाँ हर गुरुवार हिन्दू मुस्लिम धर्मों के लोग पूजा करने आते है.

लखनऊ ही नहीं आसपास के गांवों के लोग भी यहाँ मन्नत मांगने आते है. इस मज़ार पर हिन्दू मुसलमान दोनों का एक साथ मन्नत माँगना या इस मज़ार का दोनों का ही श्रद्धा का केंद्र होना ही एक मात्र अनोखी बात नहीं है.

इस मज़ार की सबसे अनोखी बात है यहाँ का चढ़ावा.

कप्तान वेल्स की मज़ार पर मन्नत पूरी होने के लिए  सिगरेट चढ़ाई जाती है.

जी हाँ सिगरेट चढ़ावे के रूप में. लोगों का कहना है कि कप्तान वेल्स को सिगरेट बहुत पसंद थी. इसलिए सिगरेट चढ़ाने पर ये माना जाता है कि वेल्स खुश हो जायेंगे और इच्छाएं पूरी करेंगे.

कप्तान वेल्स को कैसे दोनों धर्मों के लोगो ने संत माना इसके बारे में कोई ठीक ठीक नहीं जानता.

कहा जाता है कि 1857 के स्वतंत्रता संग्राम के समय मूसबाग में अंग्रेज सैनिकों और भारतीय क्रांतिकारियों के बीच भीषण युद्ध हुआ था.

इस युद्ध में अँगरेज़ सैनिकों का नेतृत्व कॅप्टन वेल्स कर रहे थे और भारतीय विद्रोहिंयों का नेतृत्व मौलवी अहमद उल्लाह शाह कर रहे थे.

इस युद्ध में अंग्रजों ने भारतीय विद्रोहियों को हरा तो दिया था लेकिन इस संघर्ष में कॅप्टन वेल्स की मौत हो गयी थी. वेल्स के एक सैनिक मित्र ने उन्हें मूसा बाग  के पास खेतों में दफना दिया था. आज भी वहां कब्र पर वेल्स का नाम और उनके मृत्यु की तारीख लिखी हुई है.

देखा आपने कैसे एक अँगरेज़ कॅप्टन को संत का दर्जा दे दिया गया और अपनी मन्नत पूरी करने के लिए सिगरेट चढ़ाई जाने लगी.

अब ये तो मालूम नहीं कि वेल्स सच में संत थे या नहीं या फिर सिगरेट चढ़ाने से मन्नत पूरी होती है या नहीं. लेकिन एक बात अच्छी है सिगरेट बाबा की मज़ार में कि ये हिन्दू और मुसलमान दोनों के बीच धर्म के भेद को मिटाती है.

एक ईसाई की कब्र की पूजा हिन्दू मुसलमान करे ऐसा अनोखा दृश्य तो बस हमारे रंग बिरंगे देश में ही दिख सकता है.

(चेतावनी: सिगरेट  पीना  स्वाश्थ्य  के  लिए  हानिकारक है.)

Yogesh Pareek

Writer, wanderer , crazy movie buff, insane reader, lost soul and master of sarcasm.. Spiritual but not religious. worship Stanley Kubrick . in short A Mad in the Bad World.

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Yogesh Pareek

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