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मेरे घरवालों की मेहरबानी, शादी से पहले मुझे दादा बना दिया!

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शादी, बच्चे और फिर पोता-पोती!

संसार का यही नियम है लेकिन कुछ लोग हैं जिनके लिए यह नियम लागू नहीं होता! वो बेचारे तो बचपन में ही अपने घरवालों की करतूतों की वजह से चाचा, मामा या कभी-कभी दादा-नाना भी बन जाते हैं! पहले के ज़माने में यह आम हुआ करता था, लेकिन आज भी बहुत से ऐसे कुँवारे हैं जिन्हें इस दौर से गुज़रना पड़ता है!

आईये ज़रा विस्तार से समझाता हूँ!

एक वक़्त था जब एक ही दंपत्ति के 10-12 बच्चे हुए करते थे|

तो सबसे बड़े बच्चे की शादी के आस-पास उसकी माँ अपने सबसे छोटे बच्चे को भी जन्म दिया करती थी| यानि कि दोनों बच्चों में आराम से 18-19 साल का फ़र्क हुआ करता था! बस जब तक यह छोटा वाला ख़ुद की शादी के लायक होता, सबसे बड़े वाले के बच्चे और आगे उनके भी बच्चे हो जाया करते!

देखा, बिना कुछ किये धरे रिश्ते में दादा-नाना बन लिए!

शुक्र है कि यह दौर अब ख़त्म होने को है लेकिन सिर्फ़ शहरों में!

गाँव-खेड़ों में जहाँ जनसँख्या पर आज भी कोई लगाम नहीं लगी है, वहाँ ऐसे हालात अभी भी आम देखने को मिल जाते हैं| बताईये, ख़ुद की शादी हुई नहीं, जीवन के रिश्ते समझ आये नहीं, और बन गए दादा-नाना! वास्तविक जीवन में यह रिश्तों का उलझा हुआ-सा ताना-बाना कितना खलल डालता है इसका अंदाज़ा लगाना मुश्किल है लेकिन इतनी बात तो तय है कि इतने बच्चे पैदा करना किसी भी सूरत में सही नहीं है! और फिर ज़िन्दगी भर सब को समझाते बैठो कि कौन किसका चाचा है और मामा है और हमउम्र से दिखने वाले दो लोग क्यों मामा-भाँजे के रिश्ते में बंधे हुए हैं!

वैसे तो एक तरह से मज़ाकिया सी परिस्थिति है लेकिन कुछ संवेदनशील लोगों के लिए यह गंभीर मुद्दा है भाई!

वो तो अपने रिश्ते को इतनी गंभीरता से ले लेते हैं कि लग जाते हैं अपने रिश्ते के भतीजों, पोतों को सलाह देने, मार्ग-दर्शन करने जब कि उनकी ख़ुद की ज़िन्दगी ऐंवेई कहीं डोल रही होती है|

ऐसे कुँवारों से एक ही दरख़्वास्त है: भाई, अपने माँ-बाप की ग़लतियों की सज़ा अगली पीढ़ी को मत दो! बिंदास जियो और बिंदास जीने दो! दादा बन भी गए हो तो रिश्ते में ही ना, कौन सा उम्र का तकाज़ा है? बेहतर होगा अपने रिश्ते के नाती-पोतों के साथ दोस्तों जैसे बन के रहो और ज़िन्दगी के मज़े उठाओ!

सबसे ख़ास बात: जब तुम्हारी शादी हो तो एक या दो बच्चे ही पैदा करना, सेना की एक रेजिमेंट तैयार करने की ज़िम्मेदारी भारत सरकार ने आपको नहीं दी है!