तस्लीमा नसरीन-
ये बांग्लादेश की निवार्सित लेखिका है जिन्हें ये निर्वासन अपने बोल्ड लेखन की वजह से झेलना पड़ा तस्लीमा और विवादों का तो जैसे चोली दामन का साथ रहा है.
तसलीमा नसरीन पेशे से सरकारी चिकित्सक रह चुकी है. तस्लीमा नारी मुक्ती, कुछ धार्मिक पंरपराओं के खिलाफ आवाज उठा चुकी है जिसकी वजह से उन्हें एक नहीं कई फतवों का सामना करना पड़ा है. जिसमें उनकी मौत का फरमान सुनाया गया है.
वो बंगाली भाषा में 35 से ज्यादा नोवेल, निंबध और आत्मकथा जैसी पुस्तके लिख चुकी है. कई सालों तक वो कड़ी सुरक्षा के बीच भारत में रही और अब पश्चिमी देशों की शरण में है.
सबसे ज्यादा विवाद उनकी पुस्तक लज्जा को लेकर हुआ. उनकी पुस्तकों पर बैन लगाने की मांग की गई.
एक अखबार को दिए गए इंटरव्यू में उन्होने फिर से कुरान लिखने की मांग की थी. उनके इस बयान की वजह से उन्हें जान से मारने की कई धमकियां मिली.
हमने बात की उन मुस्लिमों की जो या तो अपनी बुक्स या फिर लेखों के जरिए किसी ना किसी विवादों में फंसते रहे है. अपने बेबाक लेखन की वजह से मुस्लिम लेखक अपनी जान भी जोखिम में डाल चुके है.