शुरुआत से ही मुस्लिम राजा तर्क देते थे कि विश्व में महिलाओं की संख्या पुरूषों से काफी ज्यादा है इसलिए मर्दों को एक से अधिक शादी कर लेनी चाहिए.
तभी शायद मुस्लिम राजा भी इन्हीं पद चिन्हों का अनुसरण करते हुए आगे बढ़ रहे थे.
वैसे ऐसा सभी राजाओं ने तो नहीं किया लेकिन भारत के इतिहास का सबसे बदनाम मुस्लिम राजा के नामा यह विश्व रिकॉर्ड उस समय दर्ज हुआ था.
जैसा कि पहले हमने बताया था कि जहाँगीर शराब का बेहद दीवाना था उसी तरह से यह महिलाओं का भी भूखा बताया जाता है.
मात्र 15 वर्ष की आयु में इसकी शादी भगवान सिंह की पुत्री मानबाई से की गयी थी. पर सन 1604 में इस मुख्य बेगम ने तीन दिन की भूख हड़ताल के बाद आत्महत्या कर ली थी. यह बात काफी चौकाने वाली ही है कि किसी राजा की मुख्य बेगम इस तरह से अपनी जान दे देती है.
अगले 10 साल
राजा जहाँगीर ने अगले दस साल में 16 अन्य विवाह किये थे.
यह बात ऐतिहासिक पुस्तकों में दर्ज हैं. बात यहीं ख़त्म नहीं हुई है लेखक जैवियर ने 1597 ई. में उसकी कुल 20 पत्नियाँ बताई हैं. इन स्त्रियों में कई मुस्लिम सरदारों की बेटियां हैं तो कुछ हिन्दू राजाओं की औलादें बताई जाती हैं. इसके साथ-साथ जहाँगीर की 300 रखैल महिलाओं के भी सबूत दिए जाते हैं.
तो आखिर यूँ ही जहाँगीर को एक बदनाम राजा नहीं बोला जाता है. वैसे यह एक पढ़ा लिखा राजा था लेकिन शराब और शबाब दोनों ही वजहें जहाँगीर की बर्बादी का कारण रही हैं.
ऐसे बदनाम व्यक्ति के गद्दीनशीं होने से जनता में असंतोष एवं घबराहट थी. लोगों की आंशका होने लगी कि अब सुख−शांति के दिन विदा हो गये, और अशांति−अव्यवस्था एवं लूट−खसोट का जमाना फिर आ गया. उस समय जनता में कितना भय और आतंक था, इसका विस्तृत वर्णन जैन कवि बनारसीदास ने अपने प्रसिद्ध ग्रंथ ‘अर्थकथानक’ में किया है. उसका कुछ अंश यहाँ प्रस्तुत है,−
“घर−घर दर−दर दिये कपाट। हटवानी नहीं बैठे हाट।
भले वस्त्र अरू भूषण भले। ते सब गाढ़े धरती चले।
घर−घ्र सबन्हि विसाहे अस्त्र। लोगन पहिरे मोटे वस्त्र।।”
(पुस्तक- मुस्लिम शासक और भारतीय समाज से साभार)
तो कुल मिलकार इतिहास ही इस बात का गवाह है कि जहाँगीर ने अपने पिता के नाम और इज्जत को तार-तार कर दिया था और वह समाज के अन्दर खुनी खेल का मजा ले रहा था.
इसलिए यह है एक बदनाम मुस्लिम शासक…