हिन्दू मुस्लिम जाने कब से धर्म के नाम पर लड़ते आ रहे है.
हिन्दू मुस्लिम के बीच लड़ाई इतनी गहरी है कि भारत में इनकी लड़ाई का काला इतिहास है.
बाबरी मस्जिद काण्ड, रांम मंदिर काण्ड, महालक्ष्मी मंदिर काण्ड – इस धार्मिक कट्टरता में मुस्लिम ने जाने कितने हिन्दू को मारे और हिन्दू ने जाने कितने मुस्लिम को मारे है.
लेकिन कभी कभी कुछ बाते ऐसी हो जाती है कि लगता है – अब हिन्दू मुस्लिम में धर्म के लिए कट्टरता कम होने लगी है – अब दोनों धर्म वाले धीरे धीरे इंसान और भगवान में भेद करना छोड़ रहे है.
तो आइये जानते है हिन्दू मुस्लिम के बीच ऐसा क्या हुआ –
- मुंबई में इलियाज अपनी पत्नी नूरजहां को प्रसव हेतु अस्पताल लेकर जा रहा था, लेकिन रास्ते में नूरजहाँ की तबियत ख़राब हो गई .
- टेक्सी में नूरजहाँ की हालत ख़राब होते देख, टेक्सी वाले ने टेक्सी रास्ते में रोक कर नूरजहाँ और उसके पति को टेक्सी से उतार दिया. इस डर से कि कही प्रसव उसके टेक्सी में ही ना हो जाए.
- टैक्सी चालक की इस दुष्टता के कारण दोनों को बीच रास्ते में उतरना पड़ा, जिससे नूरजहाँ की तबियत और ज्यादा बिगड़ने लगी .
- इलयाज को पत्नी की हालत देखकर कुछ समझ नहीं आया और वह अपनी पत्नी को सामने स्थित गणेश मंदिर में लेकर चला गया और नूरजहाँ को वहां छोड़कर दूसरी गाडी के इन्तिजाम करने चला गया.
- नूरजहां की हालत को देखते हुए मंदिर के अंदर बैठीं औरतों ने नजदीक के घरों से साड़ी और गर्म पानी मंगवाते हुए नूरजहां का प्रसव मंदिर में ही करा दिया.
- नूरजहाँ के प्रसव के बाद मंदिर में बालक बच्चे की किलकारी गूंजने लगी और नूरजहाँ उस दर्द से बहार आई.
- इलियाज जब तक वापस आया तब तक बच्चे का जन्म हो चुका था.
- फिर दोनों पति पत्नी ने अपने स्वस्थ संतान के जन्म के लिए मंदिर के भगवान को धन्यवाद देते हुए अपने बच्चे का नाम गणेश रख दिया.
- मंदिर में प्रसव होने के बाद नूरजहाँ और उसका बच्चा पूरी तरह स्वस्थ और सुरक्षित है
- यह घटना मुंबई में एनटॉप हिल में स्थित विजयनगर में के गणेश मंदिर में हुई .
- इस बच्चे के जन्म और नूरजहाँ के दर्द ने फिर हिन्दू मुस्लिम को एक कर दिया .
नूरजहाँ और इलियाज के बच्चे का जन्म गणेश मंदिर में होने के कारण बच्चे का नाम गणेश रख दिया.
इस बच्चे के जन्म से हिन्दू मुस्लिम दोनों में ख़ुशी की लहर दौड़ गई.