धर्म जब लोगों को बरगलाता है तो उसके बाद लोगों के दिमाग में ‘धर्म’ जहर का काम करने लगता है.
इस समय भारत में एक धर्म के युवा, दूसरे धर्म की लड़कियों से प्यार के नाम पर अश्लील खेल जमा रहे हैं. यहाँ यह समझना गलत होगा कि हम दो धर्म को लड़ाने का काम करना चाहते हैं, बल्कि हम तो बस इस खबर के जरिये समाज को जागरूक करना चाहते हैं.
आज हम आपको बताने वाले हैं कि कुछ मुस्लिम लड़के जो राह से भटक गये हैं वह इस तरह से हिन्दू लड़कियों को धोखा दे रहे हैं-
1. छुपा लेते हैं अपना धर्म
हम ऐसा नहीं बोल रहे हैं कि सभी मुस्लिम ऐसे हैं किन्तु आज की युवा पीड़ी लड़कियों से अपना धर्म छुपा लेते हैं तब हिन्दू लड़की को धोखा देते हुए प्यार करते हैं. लड़कियों को जब इनका धर्म मालूम चलता है तब तक काफी देर हो चुकी होती है.
2. अच्छे घर से बताते हैं खुद को
इस तरह की घटनायें ग्रामीण इलाकों के स्कूलों में काफी हो रही हैं जहाँ मुस्लिम लड़के, लडकियों के स्कूलों पर खड़े हो जाते हैं और खुद को अच्छे घर का दिखाकर हिन्दू लड़कियों को अपने जाल में फंसा लेते हैं.
3. पहले खुद को नेक दिल बताते हैं
लड़कियों को अपने प्यार में फंसाने के लिए मुस्लिम लड़के पहले तो काफी नेक दिल बने रहते हैं और जब इनका काम बन जाता है तो कई बार यह लड़कियों की वीडियो बना लेते हैं तो कभी काफी मारते-पीटते हैं.
4. पैसों के दम पर प्यार खरीदना
असल में आप खुद देख लीजियेगा कि मुस्लिम लड़के अच्छी गाड़ी और पहनावे के दम पर हिन्दू लड़कियों को पटाने का काम करते हैं. हिन्दू लड़कियों के लिए पैसा कमजोरी बन गया है और इसी कमजोरी का फायदा मुस्लिम लड़के उठा रहे हैं.
5. दिखाते हैं बड़े-बड़े सपने
देश के कई राज्यों से यह कहानी भी सामने आई है कि मुस्लिम लड़के, हिन्दू लड़कियों को कई बार ऊँचे-ऊँचे सपने दिखाकर बड़े शहर ले आते हैं और यहाँ बड़े शहरों में लड़कियों को बेच दिया जाता है. बड़े और ऊँचे सपनों के दम पर हिन्दू लड़कियां जल्दी प्यार के जाल में आ जाती हैं.
6. शादी का झूठा सपना
और शुरुआत में यह लड़के हिन्दू लड़कियों को शादी का झूठा सपना दिखाते हैं. लड़कियों को लगता है कि चलो प्यार सच्चा है और शादी भी हो जाएगी किन्तु आखिर में अधिकतर लड़कियों को धोखा ही मिलता है.
तो इस तरह से मुस्लिम लड़के हिन्दू लड़कियों को बरगलाने का काम कर रहे हैं. वैसे इस पूरे प्रकरण में मुस्लिम लड़कों की उतनी गलती नहीं है. इन लड़कों को प्रेम का झूठा इतिहास पढ़ाया जा रहा है. अगर कोई हिन्दू लड़की इस जाल में फंसती है तो उसकी पहचान इसी बात से हो सकती है कि वह उर्दू शब्दों का इस्तेमाल अपनी बोलचाल में बढ़ा देती है. इसी बात का ध्यान रखना जरुरी हो जाता है.
हम फिर से एक बार बोल रहे हैं कि इस लेख का उद्देश्य मात्र एक जागरूकता लाना है. वैसे हिन्दू-मुस्लिम एकता स्थापित करने के लिए हमको रोटी और बेटी का आदान-प्रदान करना ही होगा किन्तु यह सिर्फ एक घर हो, यह भी सही बात नहीं होगी.