दिल्ली में बीएसपी नेता मुनव्वर हसन और उनके पूरे परिवार की हत्या के केस में मुख्य आरोपी मुहम्मद साहिब खान उर्फ बंटी से पूछताछ में कई चैंकाने वाले खुलासे हुए हैं.
खबर है कि दिल्ली के बुराड़ी में बीएसपी नेता मुनव्वर हसन और उनके परिवार के 5 लोगों की हत्याओं को सुनियोजित तरीके से अंजाम देने वाले मुहम्मद साहिब खान उर्फ बंटी को मर्डर का आइडिया अजय देवगन की फिल्म दृश्यम से आया.
उसने फिल्म में दिखाए गए तरीके से ही हत्याओं को अंजाम दिया. फिर बचे हुए सबूतों को मिटाने और खुद को पुलिस से बचाने के लिए वह उन तमाम तरीकों का इस्तेमाल करता रहा जो फिल्म में दिखाए गए थे. पुलिस सूत्रों के मुताबिक, साहिब खान उर्फ बंटी ने फिल्म दृश्यम एक या दो बार नहीं, बल्कि पांच बार देखी. पहली बार मल्टीप्लेक्स में उसने यह फिल्म देखी.
प्रॉपर्टी डीलर का काम करने वाले साहिब खान उर्फ बंटी अपने ऑफिस में बैठकर खाली समय में अक्सर टीवी देखता था. लेकिन जब भी किसी चैनल पर यह फिल्म आती थी तो वह उसको जरूर देखता था.
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, साहिब खान इस फिल्म में अपराधी को हत्या के बाद सबूत छुपाने के नए-नए तरीके ईजाद करते देखता था. इसके बाद एक दिन उसके दिमाग में फिल्म की ही तर्ज पर अपने बिजनैस पाटनर बीएसपी नेता मुनव्वर हसन की हत्या का आइडिया आया.
बंटी को इसका भी अहसास था कि पुलिस सबसे पहले मोबाइल लोकेशन का पता लगाती है. यही वजह रही कि उसने मेरठ में इशरत और उनकी दोनों बेटियों आरजू और आर्शी के मर्डर के दौरान अपने पास न मोबाइल रखा और न ही किसी कॉन्ट्रैक्ट किलर को रखने दिया.
बताया जाता है कि हत्याकांड के मास्टर माइंड प्रापर्टी डीलर साहिब खान उर्फ बंटी ने इन हत्याओं के लिए 50 दिन पहले ही साजिश रचना शुरू कर दिया था.
मां-बेटियों को रिश्तेदारो से मिलाने के बहाने सहारनपुर ले जाना, बेटो को मां से मिलाने के लिए अपने ऑफिस में बुलाना और फिर बीएसपी नेता मुनव्वर हसन को अंतरिम जमानत पर बाहर निकलवाना. यह सब बंटी की प्लानिंग का हिस्सा था.
पांच हत्याओं को तो वह दबा गया. लेकिन मुनव्वर की हत्या ने उसके चेहरे से दरिंदगी का घिनौना नकाब उतार दिया.
मुनव्वर हसन के साथ काम शुरू करने वाले बंटी की नजरें शुरू से उसकी 2 करोड़ रुपये कीमत की आधा दर्जन संपत्तियों पर थी. 19 जनवरी को जब दुष्कर्म के आरोप में वह जेल चला गया तो बंटी को लगा कि यदि वह मुनव्वर समेत उसके पूरे परिवार को मार दे तो पूरी संपत्ति उसकी हो सकती है.
बंटी ने सबसे पहले मुनव्वर की पत्नी सोनिया उर्फ इशरत को उसकी बहन से मिलाने को तैयार किया. 19 अप्रैल को सोनिया व उसकी दो बेटियों आरजू (18) व आरशी (17) को अपनी एसएक्स-4 कार से लेकर सहारनपुर पहुंचा. 20 अप्रैल को दिल्ली वापसी में अपने दोस्त दीपक को भी साथ ले लिया.
रात करीब 11 बजकर 30 मिनट पर जब बंटी मेरठ जिले के दौराला के समौली गांव पहुंचा तो उसने कार को हाइवे से तीन किलोमीटर अंदर सूनसान जगह पर रोका. जहां चार सुपारी किलर पहले से मौजूद थे.
हत्यारोपियों ने वहां पहले से ही खोदे गए गड्डे में तीनों कों दफन कर दिया और दिल्ली आ गए.
इसके बाद उसने 20 और 21 अप्रैल को मुनव्वर की पत्नी और चारों बच्चों की हत्या के बाद वह कोर्ट में मुनव्वर की परोल के लिए इसलिए पैरवी करता रहा, एक तो किसी को उस पर शक न जाएं दूसरे उसका प्लान मुनव्वर को पैराल पर बाहर लाकर उसकी हत्या करना था जिसके लिए उसने 3 लाख रुपये में दो कॉन्ट्रैक्ट किलर हायर किए थे.
वहीं, जब 21 अप्रैल को मुनव्वर के छोटे बेटे साकिब ने बंटी से मां और बहनों के बारे मे पूछा तो उसने बुराड़ी कमल विहार स्थित ऑफिस पर यह कहकर बुलाया कि मां यहीं आ रही है आ जाओ.
ऑफिस के अंदर 7 फीट गहरा गड्डा खोदकर दोनों बच्चों को वहीं नमक डालकर दफन कर दिया. गड्डा पाटने के बाद ऊपर से सीमेट से पक्का लेंटर भी डाल दिया. परिवार का खात्मा करने के बाद उसने मुनव्वर को पैरोल पर बाहर निकलवाया और फिर 20 मई को सुपारी किलर भेजकर उसकी भी हत्या करा दी.
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