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एक ऐसा शहर जहां हर बरसात का मौसम लाता है आफत !

मुम्बई की बरसात

मुम्बई की बरसात – जहां देश में कई राज्य बारिश की बौछार के लिए तरस रहे हैं वही एक राज्य ऐसा भी है जो बरसात की मार को झेल नहीं पा रहा है।

जी हां, इस शहर के लिए बरसात राहत से ज्यादा इन दिनों आफत की बरसात बनी है। ऐसी बरसात से वहां का स्थानीय जीवन अस्त-व्यस्त हो चुका है। व मौसम विभाग की ओर से हर दिन भारी बारिश की आशंका जताई जा रही है।

देश का यह राज्य है मुंबई, जो आर्थिक राजधानी के उपनाम से पहचाना जाता है। लेकिन इन दिनों यह शहर बरसात के कारण आधा डूबा हुआ है। बरसात का पानी सड़कों पर भरने के कारण मुंबईकर के लिए घर से बाहर आना-जाना लगभग बंद हो गया है। लोकल ट्रेनों के फेरे बरसात की वजह से रुक-रुक कर चल रहे हैं, सड़कों में लंबा जाम के अलावा, स्कूल व कॉलेज में छुट्टियां घोषित हो चुकी है।

मुम्बई की बरसात

हालांकि यह पहली बार नहीं जब मुंबई में यह स्थिति सामने आ रही है। दरअसल, प्रतिवर्ष मुंबई में यह हालात सामने आते ही है। जिससे मुंबई की महानगरपालिका (बीएमसी) का कार्य की पोल खुल जाती है। मौसम विभाग के अनुसार मुंबई में भारी बारिश अधिक दिन तक रहेगी। जिससे स्थानीय लोगों को दिक्कत हो सकती है।

यदि मुम्बई की बरसात के आकंड़ो को देखें फिर वर्ष 2005 से प्रतिवर्ष मुंबई मानसून के सीजन में तैरता ही है। हालांकि मुंबई में वर्ष 2005 के वक्त हुयी बरसात की याद लोगों के लिए किसी डर से कम नहीं है क्योंकि उस वक्त मुंबई की बरसात से तकरीबन 400 से अधिक लोगों की मृत्यु हुयी थी। अक्सर मुंबई में बरसात के मौसम से फैली आफत की तुलना लोग 2005 से करते हैं।

मुम्बई की बरसात

असल में वहां के लोगों को यह परेशानी प्रतिवर्ष ही झेलनी पड़ रही है। क्योंकि मुंबई में हर मानसून सीजन में यह हालात बदस्तूर रहते ही हैं। लेकिन वहां स्थित महानगर पालिका आखिर क्यों यह स्थिति पैदा होने देती है। क्यों वह मुंबई की सड़कों की मरम्मत और नालों की सफाई नहीं करवा सकती ?।

ये है मुम्बई की बरसात – यह एक गंभीर सवाल है ? जिसके उत्तर के बदले बीएमसी को मुंबई में कार्य करना चाहिए, क्योंकि स्थानीय निकाय की अंदेखी की वजह से वहां के स्थानीय लोगों के लिए बरसात प्रतिवर्ष आफत की बरसात साबित हो रही है।