मस्तान कुछ सामान चोरी छुपे कस्टम से बचा कर ले आता था. इस तरह सामने वाले का कस्टम चार्ज बचता था और मस्तान को होती थी अतिरिक्त कमाई.
ऐसे ही छोटी मोटी हेरा फेरी करते हुए मस्तान अल ग़ालिब से मिला और दोनों ने साथ मिलकर तस्करी करनी शुरू की. 2-3 साल बाद ग़ालिब पुलिस की गिरफ्त में आ गया जब मस्तान और वो सोने की तस्करी कर रहे थे.
मस्तान ने ग़ालिब का हिस्सा संभाल कर रखा और जब पैसे का मोहताज़ बनकर ग़ालिब जेल से निकला तो मस्तान ने ग़ालिब के हिस्से का सोना उसे लौटा दिया.