मुंबई इंडियन्स को आईपीएल की मंहगी टीमों में गिना जाता है.
आईपीएल शुरू होने से पहले ही टीम के मालिक विश्व कप तक जाते हैं और खिलाडियों के खेल पर नजर रखते हैं.
अब अगर पिछले कुछ समय से मुंबई के खेल पर नजर डालें तो टीम का प्रदर्शन कुछ खास नजर नहीं आ रहा है. आईपीएल 8 में टीम लगातार 3 मैच हार चुकी है और अपने दूसरे मैच में तो ईश्वर के आशीर्वाद से टीम एक बड़ी हार से बच गयी थी.
2013 के आईपीएल को अगर छोड़ दें तो बाकी सभी आईपीएल में टीम ने बेहद खराब ही प्रदर्शन किया है.
ऐसे टीम में अगर टीम पर नजर डालें तो टीम पर एक से एक जबरदस्त खिलाड़ी हैं. कप्तान रोहित शर्मा से लेकर पोलार्ड, फिंच, गेंदबाज़ भी विश्वस्तरीय हैं. तो आखिर अब जब टीम के खिलाड़ी इतना अच्छा नहीं खेल पा रहे हैं तो क्या टीम के कोच स्टाफ को खेलने के लिए उतर जाना चाइये?
अगर टीम के कोचों की बात करें तो आइये देखते हैं कि कोच स्टाफ में कौन-कौन है इनके पास-
ऑस्ट्रेलिया टीम के पूर्व कप्तान और एक बेहतरीन खिलाड़ी, इस टीम के मुख्य कोच हैं. ऑस्ट्रेलिया को पोंटिंग ने 262 अंतराष्ट्रीय एकदिवसीय क्रिकेट जीत दिलवाई थीं. अब जब मुंबई के लिए पोंटिंग कोच हैं तब आखिर इनका अनुभव काम क्यों नहीं आ रहा है?
अपने समय के बेहतरीन खिलाड़ी रोबिन सिंह, बैटिंग कोच और सहयोगी हैं. पर टीम शुरूआत से ही बैटिंग में कमियाँ करती आ रही है. रोहित शर्मा का बल्ला चला तो टीम रन बनती है, अन्यथा टीम के बल्लेबाज़ तो 10 ओवर में ही वापस जाने की ज़िद करते दिखते हैं.
न्यूजीलैंड के तेज़ गेंदबाज़ रहे, शेन बांड इन दिनों मुंबई से गेंदबाजी कोच हैं. इन्होनें 2010 में आईपीएल भी खेला था तब वह कोलकाता नाइटराइडर्स की टीम में थे. साल 2015 में हुए विश्व कप के अन्दर शेन बांड न्यूजीलैंड टीम के भी गेंदबाजी कोच थे. किन्तु अभी भी मुंबई इंडियन्स, विरोधी टीम से अपने रन नहीं बचा पा रही है.
साउथ अफ्रीका के बेहतरीन खिलाड़ी और विश्व के टॉप फिल्डर जोंटी, अभी मुंबई के फिल्डर कोच हैं.
क्रिकेट के भगवान सचिन इन दिनों टीम के लिए मेंटर की भूमिका में हैं. अब जब सचिन तेंदुलकर जैसा खिलाड़ी मुंबई इंडियन्स को जीत की राह पर नहीं ला पा रहा है तो जरूर कहीं ना कहीं टीम को चुनते समय गलतियाँ हुई हैं.
अनिल कुंबले मुंबई के मुख्य मेंटर हैं. टीम अगर हार रही है तो सबसे ज्यादा दुख कुंबले के चेहरे पर ही दिखता है. अनुभव अगर टीम के काम नहीं आ पा रहा है तो, वह अनुभव किसी काम का नहीं रहता है.
भारत को कभी विश्व कप फाइनल तक लेकर जाने वाले जॉन राइट, इस टीम के साथ अभी यूथ डेवलपमेंट के पद पर बने हुए हैं. पर टीम का यूथ आगे बढ़ने की बजाये, पतन की ओर चला जा रहा है. टीम में ऐसा कोई भी युवा खिलाड़ी नहीं है जिसका डेवलपमेंट हो पा रहा है.
अब अगर इन महान नामों के बाद भी मुंबई की टीम अच्छा नहीं खेल पा रही है तो ऐसे में शायद टीम के कोच स्टाफ को ही खेलने उतर जाना चाहिये.
मुंबई इंडियन्स के लिए तो एक ही बात सही बैठती है बस कि ऊँची दुकान, फीका पकवान.
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