उत्तर प्रदेश पुलिस में एक ऐसा ईमान पुलिस अधिकारी है जिससे मुलायम सिंह यादव का पूरा परिवार भय खाता है.
मुलायम सिंह ही प्रदेश में जो भी गलत कार्यों में संलिप्त है उसको डर है कि उनके काले कारनामों पर इस दबंग पुलिस अधिकारी की नजर न पड़ जाए.
यह अधिकारी कोई और नहीं बल्कि अमिताभ ठाकुर है.
1992 बैच के उत्तर प्रदेश काडर के इस आईपीएस अधिकारी का इतना खौफ है कि इन दिनों सपा के मुखिया मुलायम सिंह यादव को उनसे अपनी जान छुड़ाने के लाले पड़ रहे हैं.
वहीं यह अधिकारी है कि पीछा छोड़ने को तैयार ही नहीं है. इसको लेकर अमिताभ ठाकुर को समय समय पर धमकी भी मिलती रहती है. लेकिन अमिताभ को इसकी कोई परवाह नहीं है.
आपको बता दें कि अमिताभ ठाकुर ही वह निर्भीक पुलिस अधिकारी है जिन्होंने लखनऊ की हजरतगंज कोतवाली में मुलायम सिंह यादव के खिलाफ मामला दर्ज कराने का साहस किया था.
आमतौर पर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के पिता और प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके मुलायम सिंह के खिलाफ सपा के सत्ता में रहते हुए कोई अधिकारी मुंह खोलना तो दूर सर उठाने की हिम्मत नहीं करता है.
लेकिन अमिताभ ठाकुर ने वो भी कर दिखाया. गौरतलब है कि वर्ष 2015 में 10 जुलाई को मुलायम सिंह ने मंत्री गायत्री प्रजापति पर मुकदमा दर्ज होने के अगले दिन फोन पर अमिताभ ठाकुर को धमकी दी थी. अमिताभ ठाकुर ने थाना हजरतगंज में इस घटना की शिकायत दी थी.
जिस पुलिस महकमे से अमिताभ आतें हैं उसमें मुलायम के खिलाफ मामला दर्ज करने को कोई भी पुलिस अधिकारी तैयार नहीं था.
हालांकि अमिताभ की थाना हजरतगंज में शिकायत देने के बाद सत्तापक्ष ने उसी रात उनके और उनकी पत्नी के खिलाफ थाना गोमतीनगर में दुष्कर्म का झूठा मुकदमा दर्ज कराने के अलावा दो दिन बाद उन्हें अचानक निलंबित कर दिया था. लेकिन अमिताभ तमाम दवाबों के आगे झुके नहीं और कोर्ट से मुकदमा दर्ज करा दिया. जिसके बाद लखनऊ की सीजेएम कोर्ट ने उनकी आवाज के सैंपल लेने का आदेश दिया है.
बताया जा रहा है इससे मुलायम सिंह की नींद उड़ी हुई है.
अब मुलायम सिंह को डर सता रहा है कि सत्ता जाने के बाद उनकी मुश्किलें बढ़ने वाली हैं.
क्योंकि सीजेएम कोर्ट ने इस मामले में यूपी पुलिस की फाइनल रिपोर्ट को भी खाजिर कर दिया है जिसमें उन्होंने मुलायम सिंह यादव को ये कहते हुए क्लीन चिट दे दी थी कि उनके खिलाफ कोई अपराध नहीं बनता है.
कोर्ट ने मुलायम सिंह के फोन पर धमकी देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए पुलिस को इस प्रकरण की नये सिरे से जांच करने का आदेश भी दिया है.
जानकारों का मानना है कि आवाज के नमूना का रिकॉर्ड आवाज के साथ वैज्ञानिक परीक्षण कराए जाने पर मुलायम सिंह यादव फंस सकते हैं.
गौरतलब है कि अमिताभ काफी समय से मुलायम परिवार की गुंडागर्दी के खिलाफ आवाज उठाते रहें हैं. उनका काफी समय इसी अन्याय के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ते बीता है.
अमिताभ ठाकुर जब एसपी फिरोजाबाद के रूप में तैनात थे तो उस दौरान सपा विधायक रामवीर यादव और उनके समर्थकों ने उन पर जानलेवा हमला किया था. एका थाने में इसकी रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी. उस दौरान तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने उन्हें एफआईआर दर्ज कराने से मना किया था क्योंकि आरोपित विधायक उनके समधी हैं.
बहरहाल, जसराना कांड के समय अमिताभ का हाथ भले ही हल्का पड़ा हो लेकिन इस बार अमिताभ के पंजे से मुलायम सिंह का बच निकलना बहुत मुश्किल है.
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