सूत्रों की मानें तो कुछ दिन पहले तक यह निश्चित था कि उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी अखिलेश के नाम और काम पर ही चुनाव लड़ने वाली है. लेकिन न जानें क्यों सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव को अचानक से रात में कौन-सा सपना आता है कि वह आनन-फानन में बेटे अखिलेश को पार्टी से ही बाहर कर देते हैं.
अखिलेश यादव इस समय मुलायम के बेटे ही नहीं है बल्कि वह सूबे के मुख्यमंत्री भी हैं और राज्य की जनता इनको एक कुशल राजा के रूप में प्यार भी कर रही है.
लेकिन अब जब अखिलेश को पार्टी से ही बाहर कर दिया गया है तो ऐसे में सवाल उठता है कि क्या मुलायम सिंह यादव अपनी पार्टी की सरकार को अभी बचा पाएंगे?
वहीं दूसरी तरफ सवाल यह भी उठ रहा है कि समाजवादी पार्टी से निकलने के बाद अब अखिलेश का अगला कदम क्या होगा?
तो आइये आपको बता दें कि अब जो लोग समझ रहे हैं कि अखिलेश यादव का करियर खत्म हो गया है, वह बिलकुल गलत हैं. क्योकि असल में अखिलेश यादव का करियर तो अब शुरू हुआ है. अखिलेश यादव बचपन से ही जिद्दी बच्चे रहे हैं और इस बार इनकी यही जिद्द, पिता मुलायम सिंह यादव का करियर खत्म करने वाली है.
मुलायम सिंह यादव का एक सपना था कि वह कभी देश के प्रधानमंत्री बनें तो आपको बता दें कि इनका यह सपना अब चकनाचूर होने वाला है.
तो अब अखिलेश यादव क्या करेंगे?
अब अखिलेश यादव समाजवादी पार्टी के संविधान को उठाने वाले हैं.
यहाँ पर कुछ नियम और शर्ते हैं कि पार्टी कभी भी मुख्यमंत्री को इस तरह से बिना कारण बतायें और बिना नोटिस दिए, बर्खास्त नहीं कर सकती है. इसी संविधान के आधार पर अखिलेश यादव अदालत तक जाने की सोच रहे हैं. समाजवादी पार्टी के बेहद ख़ास सूत्रों से मिल रही खबर के अनुसार बेटा, बाप को अदालत तक ले जा सकता है.
वहीं अखिलेश यादव के बेहद करीबी लोग यह भी बता रहे हैं कि अब मुख्यमंत्री अपने खेमे के समाजवादी नेताओं को एकजुट करने वाले हैं.
अखिलेश के खेमे में कुछ 175 विधायक आते हैं और इनको एक साथ लेकर अखिलेश राज्यपाल के पास जाने वाले हैं और सरकार के बहुमत साबित करने के लिए कुछ समय लेने वाले हैं. अखिलेश की नजर इस समय कांग्रेस और बीजेपी दोनों की तरफ है. अखिलेश चाहते हैं कि उनको समर्थन दिया जाये और उनकी सरकार को कुछ दिनों के लिए बचाया जाये.
क्यों अखिलेश बचाना चाहते हैं अपनी सरकार?
यादव परिवार का यह बच्चा वैसे तो जानता है कि जल्द ही चुनाव होने वाले हैं.
लेकिन यदि अखिलेश यादव इस समय अपनी सरकार को बचा लेते हैं तो इससे पिता मुलायम सिंह यादव को उनकी हैसियत और कद दोनों नजर आ जायेंगे. बाकी जनवरी महीने में यदि अखिलेश अपने पद पर बने रहते हैं तो इससे वह आगे की योजना भी सही तरीके के तैयार कर लेंगे.
बाकी बात यह है कि अखिलेश यादव किसी भी हालत में अब पिता के राजनैतिक करियर को खत्म ही कर देंगे.
यदि अखिलेश यादव अपनी अलग पार्टी भी बनाते हैं तो वह अभी के हालातों में समाजवादी पार्टी से अधिक सीटें जीतने की स्थिति में भी हैं. कुलमिलाकर देखा जाए तो अब अखिलेश यादव के अगले कदम से देश की राजनीति में भूचाल आना निश्चित हो गया है.