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ये तसवीर बता रही हैं कि फिक्स नहीं है सपा का दंगल

मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव

ऐसा मानने वाले आप अकेले नहीं हो सकते हैं बल्कि बहुत से लोग आज भी मानते हैं कि समाजवादी पार्टी का पारिवारिक दंगल पूरी तरह प्लांड है, जो सपा सुप्रीमों मुलायम सिंह यादव ने अपने बेटे और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की छवि चमकाने के लिए रचा है.

जबकि यंगिस्तान का शुरू से ही दावा रहा है कि मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव का युद्ध कोई स्क्रिप्ट या ड्रामा नहीं होकर परिवार के बीच जारी सत्ता पर नियंत्रण की कवायद है. साथ ही इस पूरे दंगल में पैसे की भी बहुत बड़ी भमिका है.

आपको यदि याद होगा तो यंगिस्तान ने ये भी बताया था कि सपा के इस पूरे विवाद में मुलायम सिंह यादव के भाई के अलावा उनकी दूसरी पत्नी साधना गुप्ता की भी महत्वपूर्ण भूमिका है.

फिर भी यदि किसी को यकीन न हो तो वह मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव की इस तस्वीर को एक बार गौर से देख लें उसको खुद ब खुद यकीन हो जाएगा कि यादव परिवार में स्थिति कहां तक बिगड़ चुकी है.

इस तस्वीर में आपको गुस्से से तमतमाया अखिलेश यादव का चेहरा दिखाई देगा जो किसी बात को लेकर मुलायम सिंह यादव से बेहद खफा हैं और उन पर फायर है.

जबकि वहीं दूसरी ओर मंच पर कुर्सी पर बैठे मुलायम सिंह यादव का उतरा हुआ चेहरा है जिस पर लाचारी साफ झलक रही है.

जो लोग भी मुलायम सिंह राजनीति को और उनको नजदीक से जानते होंगे उनको यह बात भी मालूम होगी कि मुलायम सिंह इतने बेबस और कमजोर कभी नजर नहीं आए. खासकर मंच पर तो कभी नहीं.

याद कीजिए कुछ समय पहले का वह दौर जब मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव को मंच पर फटकार लगा देतें थे. और अखिलेश भी एक मुख्यमंत्री के तौर पर नहीं बल्कि एक आज्ञाकारी बेटे के तौर पर चुपचाप सब कुछ सुनते रहते थे.

बहरहाल, वह सब अतीत की बात है. हकीकत यह है कि अखिलेश यादव मुलायम सिंह यादव की राजनीति और अपने पिता की पकड़ से बहुत दूर निकल गए, जहां से वापस लौटना अखिलेश के लिए संभव नहीं है.

हो सकता है तो बस इतना कि अब मुलायम सिंह को अगर अखिलेश को पाना है तो उन्हें खुद चलकर वहां जाना होगा जहां अखिलेश खड़े है.

इतना तो साफ है कि अखिलेश अब अपनी खींची हुई लाइन मिटाने से रहे.