मुक्तागिरी तीर्थ स्थल – भारत में ऐसे अनगिनत धार्मिक व पर्यटन स्थल स्थित हैं जहां देश के कोने-कोने से लोग भगवान के दर्शन करने के साथ सैर-सपाटे का आनंद उठाने के लिए आते हैं.
ऐसे में जरा सोचिए अगर आपको भगवान के दर्शन और सैर-सपाटे के अलावा असली केसर चंदन की बारिश का दीदार करने को मिल जाए तो कितना मजा आएगा.
जी हां, अगर आप भी ऐसे ही किसी स्थल की यात्रा करना चाहते हैं जहां आपको इतनी सारी चीजें एक साथ देखने को मिल जाए तो हम आपको बताते हैं उस पावन और खूबसूरत तीर्थस्थल के बारे में, जहां जाते ही आपका दिल बाग-बाग हो जाएगा.
मुक्तागिरी तीर्थ स्थल
महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश की सीमा पर मालवा क्षेत्र में स्थित मुक्तागिरी तीर्थ स्थल दिगंबर जैन मुनियों का सिद्धक्षेत्र माना जाता है.
कहा जाता है कि सतपुड़ा पर्वत की श्रृंखला में मन मोह लेनेवाले घने और हरे-भरे वृक्षों के बीच बसे मुक्तागिरी तीर्थ स्थल में आज भी केसर और चंदन की बारिश होती है.
प्रकृति की गोद में बसे इस खूबसूरत मुक्तागिरी तीर्थ स्थल पर अष्टमी और चतुर्दशी के दिन केसर और चंदन की बारिश होती है जिसका नजारा वाकई देखने लायक होता है.
मुक्तागिरी तीर्थ स्थल दूसरा नाम है मेंढागिरी
कहा जाता है कि करीब 1000 साल पहले जब एक मुनिराज इस मुक्तागिरी पर्वत पर ध्यान कर रहे थे तभी उनके सामने एक मेंढक पहाड़ी की चोटी से गिर गया जिससे उसकी मृत्यु हो गई.
मान्यताओं के अनुसार उस मुनिराज ने मेंढक के कान में कुछ ऐसे शब्द कहे थे जिसके कारण उस मेंढक को स्वर्ग की प्राप्ति हुई. इसी मेंढक के कारण मुक्तागिरी पर्वत को मेंढागिरी पर्वत के नाम से भी जाना जाने लगा. इस पर्वत पर होनेवाली चंदन और केसर की बारिश पर्यटको को अपनी ओर आकर्षित करती है.
सतपुड़ा का झरना है आकर्षक
यहां सिर्फ मेंढागिरी पर्वत ही लोगों के आकर्षण का केंद्र नहीं है बल्कि इससे थोड़ी ही दूरी पर स्थित सतपुड़ा में मौजूद 250 फीट ऊंचा झरना भी पर्यटकों को खासा आकर्षित करता है. यहां की खूबसूरती, दूर-दूर तक फैली हरियाली और पेड़-पौधे देखकर अक्सर पर्यटक प्रकृति की सुंदरता में ऐसे में खो जाते हैं कि उन्हें वापस जाने का मन ही नहीं करता.
यहां स्थित है कई दिव्य मंदिर
इस जगह को ऐतिहासिक मान्यताओं के अनुसार काफी पवित्र माना जाता है. यही वजह है कि यहां आनेवाले लोग सिर्फ इसकी खूबसूरती नहीं देखते बल्कि यहां स्थित कई दिव्य मंदिरों के दर्शन करते हैं. कहा जाता है कि इन मंदिरों में आनेवाले लोगों की मन्नतें पूरी होती है.
मुक्तागिरी पर्वत पर स्थित करीब 52 मंदिर जैन धर्म के दिगंबर संप्रदायक है. यहां के मंदिरों में घूमने के लिए करीब 350 सीढ़िया चढ़नी पड़ती है. ऐसी मान्यता है कि यहां पर 600 सीढ़ियां चढ़ने-उतरे से मन की सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.
बहरहाल अगर आप भी आसमान से बरसनेवाली चंदन और केसर की बारिश को अपनी आंखों से देखकर उसका आनंद लेना चाहते हैं तो फिर एक बार मेंढागिरी पर्वत की सैर जरूर कीजिए.
इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) दुनिया में सबसे लोकप्रिय टी20 क्रिकेट लीग में से एक है,…
दुनिया मे सबसे ताकतवर चीज है हमारी सोच ! हम अपनी लाइफ में जैसा सोचते…
सूर्य ग्रहण 2020- सूर्य ग्रहण कब है, सूर्य ग्रहण कब लगेगा, आज सूर्य ग्रहण कितने…
कोरोना महामारी के कारण देश के देश बर्बाद हो रही हैं, इंडस्ट्रीज ठप पड़ी हुई…
दुनियाभर के 200 देश आज कोरोना संकट से जूंझ रहे हैं, इस बिमारी का असर…
वैसे तो गांधी परिवार पूरे विश्व मे प्रसिद्ध है और उस परिवार के हर सदस्य…