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जानिए मोहम्मद अली जिन्ना उस दिन पहली और आखिरी बार क्यों रोए थे !

मोहम्मद अली जिन्ना

बंटवारे की जिद को पूरा करने के लिए लाखों बेगुनाह लोगों की मौत के बाद भी मोहम्मद अली जिन्ना का दिल नहीं रोया था.

भारत का बंटवारा रोकने के लिए गांधी जी मनुहार करते रहे लेकिन जिन्ना नहीं पसीजे. लेकिन क्या आपको मालूम है एक दिन ऐसा भी था जब पत्थर दिल समझे जाने वाले जिन्ना सबके सामने फूट फूट कर रोए थे.

20 फरवरी, 1929 को जब जिन्ना की दूसरी पत्नी रती का निधन हो गया तो उस दिन मोहम्मद अली जिन्ना अपने आसुंओं को नहीं रोक पाए थे. इस बात का खुलासा मोहम्मद अली जिन्ना के सचिव रहे और बाद में भारत के विदेश मंत्री बने मोहम्मद करीम छागला ने अपनी आत्मकथा में किया था.

मोहम्मद अली जिन्ना

बताया जाता है कि जब रती के पार्थिव शरीर को कब्र में दफन करने के बाद जिन्ना से कहा गया कि आप मरने वाले के सबसे नजदीकी रिश्तेदार हैं. इस नाते से वो कब्र पर मिट्टी फेंके. ये शब्द सुनते ही जिन्ना टूट गए और सुबक सुबक कर रोने लगे.

बताया जाता है कि यह पहली बार था जब किसी ने सार्वजनिक स्थान पर जिन्ना को रोते हुए देखा था. जिन्ना के नजदीकी भी इसको लेकर हैरान थे कि जिस जिन्ना पर लोगों की भावनाओं का कभी कोई असर नहीं हुआ वे इस प्रकार टूट भी सकते हैं.

दरअसल, जिन्ना पारसी समुदाय से आने वाली रती के प्यार में इस कदर पागल थे कि उन्होंने सभी लोकलाज को ताक पर रखकर अपने से 24 साल उम्र में छोटी लड़की से निकाह कर लिया. शादी समय रती मात्र 18 वर्ष की थी. लेकिन जब उनकी मृत्यु हुई तो वह उस समय मात्र 29 साल की थी.

बताया जाता है कि मोहम्मद अली जिन्ना की पारसी समुदाय के दिनशॉ की बेटी से शादी से भारत में एक तरह का तूफान आ गया.

पारसी ही नहीं मुस्लिम समुदाय में भी इसका विरोध हुआ. लेकिन जिन्ना उन दिनों भारत के नामी वकील और उभरते हुए नेता थे. शायद यही वजह थी कि रती ने अपने समुदाय और पिता के विरोध के बावजूद जिन्ना से निकाह कर लिया.

जिन्ना रती को जामिया मस्जिद ले गए जहां उन्होंने रती को इस्लाम कबूल करवाया और 19 अप्रैल, 1918 को दोनों ने निकाह कर लिया. निकाहनामे में 1001 रुपए का महर तय हुई थी, लेकिन मोहम्मद अली जिन्ना ने उपहार के तौर पर रती को 1 लाख 25 हजार रुपए दिए थे.

लेकिन शादी के 11वे वर्ष में बीमारी के चलते रती की मौत हो गई. मोहम्मद अली जिन्ना ने रती को बचाने की भरपूर कोशिश की. वे उनको इलाज के लिए विदेश भी ले गए, लेकिन बचा नही पाए.