आज हम आपको पूर्व भारतीय क्रिकेट कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी से जुडी कुछ दिलचस्प बातें बताने जा रहे है.
वैसे तो धोनी को भारतीय क्रिकेट के सबसे सफ़ल कप्तानों के रूप में गिना जाता है, क्योंकि महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में ही भारत टी-20 और 2011 का वर्ल्ड कप जीतने में कामयाब रहा था.
लेकिन क्या आप जानते है कि आज से दस साल पहले 2007 में जब धोनी को कप्तान बनाया गया था तब सभी के लिए ये एक चौंकाने वाला फैसला साबित हुआ था.
दरअसल उस समय टीम इंडिया में कई सीनियर खिलाड़ी मौजूद थे बावजूद इसके धोनी को कप्तान बनाया गया था. ऐसे में लोगों के लिए ये बहुत ही हैरान कर देने वाली बात थी की एक नए खिलाड़ी को कप्तान क्यों बनाया गया है.
दरअसल धोनी को कप्तान बनाये जाने की कहानी टीम के सीनियर खिलाडियों ने ही लिखी थी.
खबरों के अनुसार बताया जाता रहा है कि उस समय खुद भारत के पूर्व कप्तान रह चुके सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़ और सौरव गांगुली ने ही सिलेक्टर्स के सामने 26 वर्षीय धोनी का नाम रखा था. धोनी खुद अपने आप को कप्तान बनाये जाने पर कहते है कि ‘मैं उस मीटिंग का हिस्सा भी नहीं था जो भारतीय टीम के नए कप्तान का फैसला लेने वाली थी.’ तो कहने का मतलब यही है कि कप्तान बनने पर उस समय धोनी खुद हैरान थे.
बतौर धोनी- क्रिकेट की समझ और साथी खिलाडियों से मेरा बर्ताव एक महत्वपूर्ण वजह थी, जो मुझे इतनी बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई. जिसके तुरंत बाद बतौर कप्तान धोनी ने खुद को साबित करते हुए 2007 का टी-20 वर्ल्ड कप भारत की झोली में डाला था. वहीं अधिकतर लोगों की राय है कि धोनी का कप्तान बनने के पीछे उनका अपने साथी खिलाड़ियों से बर्ताव और तालमेल भी एक बड़ी वजह था.
खैर, जो भी वजह रही हो लेकिन महेंद्र सिंह धोनी अपने दौर के सबसे बेहतरीन कप्तान साबित हुए. और महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में टीम इंडिया ने कई नए कीर्तिमान बनाये और रिकॉर्ड तोड़े. धोनी हमेशा अपने हमेशा एक कूल कप्तान, धाकड़ बल्लेबाज और बेहतरीन विकेटकीपर के रूप में याद किये जायेंगे.