पान हमारी भारतीय संस्कृति का एक बड़ा ही अहम् हिस्सा है.
क्या बड़ा क्या बूढ़ा, पान के बिना हमारा भारतीय खाना जैसे अधूरा है.
माना जाता है इसका इतिहास करीब 5000 साल पुराना है. कहते हैं खाने के बाद, पान का जो रस है वह हमारे पाचन तंत्र के लिए बहुत अच्छा माना जाता है. पान खाने का चलन हमारी संस्कृति में बड़ा पुराना है और पूरे देश में ही दक्षिण भारत से लकर उत्तर भारत तक, लोग बड़े चाव से इसे खाते हैं. इसे बनते देख, गुलकंद, नारियल से भरा हुआ, अमूमन किसी के भी मुह में पानी आ सकता है और किसी का भी जी ललचा सकता है. समय के साथ इसमें भी कई बदलाव आए हैं, जैसे फ्लेवर्ड पान, चॉकलेट पान आदि.
माघी क्या और बनारसी क्या, पान खाना लोगों के लिए एक चस्के के सामान है. अब तो कई बड़े-बड़े होटल में सौंफ और मुखवास के साथ पान भी परोसने लगे हैं.
तो आइये जानते हैं हमारे देश के कुछ मशहूर पान वाले जो इस परंपरा को कायम रखे हुए हैं.
केशव पान भण्डार, बनारस
बनारस को आप एक तरह से पान की भूमि कह सकते हैं. बनारस का पान पूरी दुनिया में, बनारसी पान के नाम से प्रसिद्ध है और हो भी क्यों न? बनारस का केशव पान भण्डार सबसे लोकप्रिय पान भण्डार में से एक है. आप यहाँ पर कई प्रकार के पान एक ही छत के नीचे पाएंगें. बनारस जा कर तरह-तरह का खाना खा लिया और पान नहीं खाया तो वह नाइंसाफी ही मानी जाएगी.
यमुस पंचायत
वैश्वीकरण के इस दौर में पान भी इससे अछूता नहीं रहा है. यमुस पंचायत ने भी कुछ यही किया और पान की पूरी तरह से ब्रांडिंग कर दी है. इसे देश के पहले पान पार्लर बनाने का सौभाग्य प्राप्त है और इसकी शाखाएं आप देश के कई बड़े शहरों में पाएंगें. जब आप यहाँ पान लेने जाएंगें तो बड़े ही अच्छे से एक डब्बे में पैक होकर मिलेगा. साथ ही आप स्ट्राबेरी, बटर स्कॉच जैसे फ्लेवर के पान का भी मज़ा ले सकते हैं.
मुच्छड़ पान वाला, मुंबई
सोचिये एक पूरा हाई-टेक पान भण्डार, वो भी पूरी वेबसाइट के साथ. यहां आप अलग-अलग पान के प्रकार भी जान सकते हैं जो परोसे जातें हैं. करीब 30 साल पुरानी यह पान की दूकान, जयशंकर तिवारी और इनका परिवार चला रहा है. जब आप यहाँ जाएंगें तो 50 तरह के पान देख कर अचंभित हो जाएंगें.
चुस्की पान वाला, दिल्ली
दिल्ली के कनॉट प्लेस में बना यह चुस्की पान वाला अपने आप में एक अलग ही प्रकार का पान भण्डार है. सोचिये पान और बर्फ का मेल, गर्मियों में इसे खाकर जैसे ठंडक मिलती हो. इस मशहूर पान भण्डार पर, दूर-दूर से लोग इस विशेष पान को खाने के लिए ज़रूर आते हैं.
तो क्यों ना आज खाने के बाद पान के इस अलग स्वाद का लुत्फ़ उठाया जाए और दूसरों के साथ भी बांटें. खाइए एक ऐसा पान कि मुह से निकले, “खाईके पान बनारस वाला”!
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