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PHOTOS: एवरेस्ट की ट्रेकिंग में हैं यह 10 खतरे ! फिर भी जान की बाजी लगाकर यहाँ हर कोई जाना चाहता है

एवरेस्ट की ट्रेकिंग को सुनकर जितना अच्छा लगता है असल में यहाँ जाने वाले पर्वतारोही जान हथेली पर रखकर यहाँ जाते हैं.

एवरेस्ट पर जाने के कई खतरे हैं. आज हम आपको एवरेस्ट के खतरे बताने वाले हैं. अगर आप एवरेस्ट की ट्रेकिंग के बारे में सोच रहे हो तो इन खतरों को जरूर पढ़ें-

चलिए जानते है एवरेस्ट की ट्रेकिंग के खतरे –

1. आप अगर एवरेस्ट पर जाने वाले हैं तो एक बात का ध्यान रखें कि यहाँ एक समस्या जो सबके सामने आती है वह यही होती है कि यहाँ आक्सीजन की कमी हो जाती है. सांस लेने में सबसे ज्यादा परेशानी होती है.


2. एवरेस्ट पर अक्सर लोग तूफ़ान की चपेट में आकर दम तोड़ देते हैं. हर साल यहाँ कुछ न कुछ हो ही जाता है. अचानक से यहाँ तूफ़ान जब आता है तो सबको अपने साथ ले जाता है.

3. अगर आपने कभी सामान्य से कम के तापमान में गुजारा नहीं किया है तो आप एवरेस्ट जाकर बड़ी गलती कर रहे हैं. यहाँ का तापमान सामान्य से 30 डिग्री तक नीचे भी चला जाता है.

4. तेज हवाओं का एक अन्य डर भी यहाँ लगा रहता है. एवरेस्ट पर तेज हवायें लोगों की जान ले जाती हैं.

5. एवरेस्ट का सबसे बड़ा डर यह होता है कि यहाँ की सर्दी शरीर के अंगों को गला देती है. आप इस दर्द को महसूस नहीं कर पाएंगे बस आपको यह पता चल जायेगा कि आपके अंग खराब हो रहे हैं.

6. एवरेस्ट पर वहीं लोग ट्रेकिंग करने जाते हैं जिनका दिल मजबूत होता है. यहाँ पर कई बार लोगों का दिल ही काम करना बंद कर देता है. यह एक बड़ी समस्या है.

7. रोशनी की कमी भी एवरेस्ट पर बनी रहती है. कई बार खराब मौसम में आप वहीँ फँस जाते हैं और कई दिनों तक रोशनी का ही इन्तजार करते रहते हैं.

8. बर्फ का गिरना भी यहाँ एक बड़ी समस्या है. अचानक से ही बड़ी तेजी से ऊपर से बर्फ आती है और सब कुछ तबाह कर जाती है.

9. आप अगर बीमार रहते हैं तो यकीन मानें कि तब एवरेस्ट जाने की गलती ना करें. यहाँ पर दवायें भी काम नहीं करती हैं.

10. एवरेस्ट की ऊंचाई पार कान काम करना बंद कर देते हैं. इतनी ऊंचाई पर होने की वजह से हवा का दवाब बढ़ जाता है और कान सुन्न हो जाते हैं. 

तो ये थे एवरेस्ट की ट्रेकिंग के खतरे – एवरेस्ट पर जाते वक़्त इंसान को इन खतरों का डर बना रहता है. इसीलिए शायद जब आप एवरेस्ट की ट्रेकिंग के बारे में सोचे  तो उससे पहले ट्रेनिंग लेना तो बिलकुल ना भूलें.

Chandra Kant S

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