UPSC में टॉप – पढ़ाई के लिए कोई पाबन्दी नहीं होती. मुश्किल दौर में आप अपना हुनर दिखा सकते हैं. यही एक विधा है जहाँ अमीरी गरीबी का कोई फासला नहीं होता.
यहाँ सब बराबर हो जाते हैं. अगर आपके अंदर पढने की ललक है तो आपको कोई भी हरा नहीं सकता. चाहे कितनी मज़बूरी ही क्यों न आ जाए, लेकिन आप अपने पथ पर आगे बढ़ते ही जाएंगे.
पढ़ने वालों के किस्से तो आपने बहुत सुने होंगे. कोई चौकीदार का बीटा टॉप कर रहा है तो कभी गोलगप्पे बेचने वाली की लड़की. एक और मिसाल देश के सामने पेश हुई है. ये कोई और नहीं बल्कि एक माँ ने दिया है. इस माँ ने ये दिखा दिया कि वो भी बहुत कुछ कर सकती है.
अपनी जिम्मेदारियों को निभाते हुए हरियाणा की एक बहु, पत्नी और माँ ने UPSC में टॉप रैंक लाकर लोगों के चेहरे पर ख़ुशी ला दिया है. अनु पढ़ाई के लिए 10-12 घंटे टाइम निकालती थी. उन्होंने इसके लिए कोई कोचिंग भी नहीं ली. उनकी सारी तैयारी ऑनलाइन मिले कॉन्टेंट से हुई. ये अपने आप बहुत गर्व की बात है. और ये साबित भी करता है कि किसी भी उपलब्धि और सफ़लता के लिए साधनों से ज़्यादा मन की साधना और लगन की ज़रूरत होती है. एक माँ होने के नाते अनु को भी वही सब मुश्किल झेलनी होगी या उसे ज़िम्मेदारी कहें तो बेहतर होगा जो एक आम माँ करती है.
अनु कभी भी अपनी ज़िम्मेदारी से पीछे नहीं हटी. वो अपने घर का काम करने के बाद इस पढाई में अव्वल आई हैं. हरियाणा की इस बेटी की जीत पर CM मनोहर लाल खट्टर ने भी ट्वीट किया और बाकी लड़कियों को अनु से प्रेरणा लेने की बात कही.
अनु ने ये साबित कर दिया कि कोई भी काम महिलाओं के लिए मुश्किल नहीं होता. माँ बनने के बाद भी वो बहुत कुछ कर सकती हैं. अनु ने अपना Success Mantra देते हुए कहा कि लगन और मेहनत करते रहिये, कामयाबी आराम से मिल जाएगी. UPSC में अनु का यह दूसरा एटेम्पट था, इससे पिछले साल वो एक नंबर की वजह से रह गयी थी. हार नहीं मानी अनु और दोबारा कोशिश करने पर उन्हें ये फल मिला.
इस एग्जाम में हर साल कई हज़ार बच्चे भाग लेते हैं. हर किसी का सपना होता है कि इस एग्जाम को क्रैक करें, लेकिन हर किसी के बूते की बात नहीं होती ये. इस साल UPSC में 13 हज़ार छात्रों ने Written Exam के लिए Qualify किया, जिनमें से 2,568 Candidates को Personality Test के लिए चुना गया. इस लिस्ट में 990 Candidates को चुना गया, जिनमें से 250 महिलाएं थी. UPSC 2018 की टॉप 25 की लिस्ट में इस साल 8 महिलाएं हैं. सच में ये देश के लिए गौरव की बता है कि महिलाएं इस तरह के मुश्किल एग्जाम में भी टॉप कर रही हैं.
अनु ने कहा कि एक IAS अफ़सर बन कर देश में महिला सुरक्षा को बेहतर बनाने के लिए काम करेंगी. इस तरह से जब अनु इस बुलंदी पर पहुंची हैं तो सच में आगे भी किस्मत और उनकी मेहनत उनका साथ देगी और वो सच में खूब तरक्की करेंगी.
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