पति के लिए – भारत में बुलेट ट्रेन का सपना देखने वाले प्रशासन को उन गरीबों की ओर भी देखना चाहिए, जो दो जून की रोटी के लिए अपना सबकुछ बेच देते हैं.
कई बार ऐसा होता है कि गरीब अपने अंगो को बेच देता है. गरीबी में अपना सबकुछ बेचते आपने बहुतों को देखा होगा, लेकिन शायद ही कभी ये सोचा होगा कि पति की जान बचाने के लिए, अपने प्यार के लिए किसी माँ को अपने ही बेटे को बेचना पड़ेगा.
ये घटना सत्य है और इसी भारत देश की है.
इस तरह की घटना को सुनते ही आप सोच सकते हैं कि ये घटना देश के किस कोने से हो सकती है.
जी हाँ, बिलकुल सही समझा आपने. ये घटना उत्तर प्रदेश के बरेली जिले की है. जिसके बारे में जानकर आप हैरान रह जाएंगे. जहाँ एक तरफ सरकारे बड़े बड़े दांवो के साथ विकास का दम्भ भर रही हैं तो दूसरी तरफ लोग गरीबी में पति के लिए, पति के ईलाज के लिए अपने कलेजे के टुकटे को बेचने पर मजबूर हैं.
अभी कुछ ही दिन पहले वो माँ बनी. उसकी कोख भरी. घर में खुशियाँ मनाई जाने लगी कि उसने बेटे को जन्म दिया है. आसपास के लोग गुड खाकर उस दम्पति का मुंह मीठा करवाने लगे, लेकिन शायद ही किस्मत को कुछ और ही मंज़ूर था. किस्मत ने इस माता पिता के सतह ऐसा खेल खेला कि इनके सपने ही टूट गए. जिस बच्चे के वो माता पिता बने थे, उसी बच्चे को उन्हें बेचना पड़ा.
महज़ कुछ रुपयों की खातिर इस माता पिता को अपने जिगर के टुकड़े को बेचना पड़ा.
इस माँ ने अपने 15 दिन के बेटे को 45 हजार रुपए में बेच दिया. वहीं जब पड़ोसियों को बच्चा काफी दिनों तक नहीं दिखा को उन्होंने महिला ने इस बारे में पूछा, तब इस बात की सच्चाई सामने आई. लेकिन सवाल इस बात का जहां स्वास्थ्य सेवाओं के नाम पर अरबों रुपये योजनाओं में खर्च किए जा रहे हैं तो आखिर गरीब परिवारों को फ्री में इलाज की सहूलियत क्यों नहीं दी जा सकती है.
मजदूर तपके के ये लोग दिनभर काम करके दो जून की रोटी का जुगाड़ करते हैं. उस दिन भी कुछ ऐसा ही करने के लिए इस महिला का पति काम से बाहर गया. जहाँ वह काम करता था उस दिन निर्माणाधीन मकान की दीवार का एक हिस्सा इसके ऊपर गिर गया, जिसमें वो गंभीर रूप से घायल हो गया था. इस घटना के बाद से कमर के नीचे का हिस्से ने काम करना बंद कर दिया और पैसों की कमी की वजह से इलाज ठीक से नहीं हो सका. घर में अकेले कमाने वाले हरस्वरूप के बीमार होने से घरवालों के सामने पैसे की परेशानी आने लगी.
पति के लिए – पति का इलाज करवाने के लिए पत्नी ने अपने जिगर के टुकड़े को ४२ हज़ार में बेच दिया. बच्चे को बेचने के बाद मिले पैसे से वो अपने पति का इलाज करवाने वाली थी.
ये है इण्डिया. यहाँ पर गरीबी इतनी है की पति के लिए एक दूसरे का इलाज करवाने के लिए लोगों को अपना खून, किडनी ही नहीं बल्कि अपने जिगर के टुकड़े को भी बेचना पड़ता है. अगर वो ऐसा न करें तो उनका इलाज होना संभव नहीं है.
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