देबाशीष मोहंती-
इन्हें मोहम्मद अजहरुद्दीन ने काफी मौके दिलाए। भाग्यशाली ही रहे कि 1999 का विश्व कप भी खेल आए। देबाशीष का लक मैदान के अंदर तो ज्यादातर चलते नहीं दिखा। वह गेंद से विकेट लेने का अवसर तो बनवाते थे, लेकिन कोई फील्डर बल्लेबाज द्वारा दिलाए कैच को लपक नहीं पाता था। देबाशीष को टीम इंडिया में कई मौके मिले। मगर वह कभी शानदार प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ी नहीं रहे। इसी वजह से मोहंती भारत के लकी क्रिकेटर बन गए।
दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ महेंद्र सिंह धोनी के करीबी माने जाने वाले रवींद्र जडेजा को तो नहीं चुना गया, लेकिन स्टुअर्ट बिन्नी के चयन ने एक बार फिर आलोचनाओं को बल दिया। इसके बाद से भारतीय टीम को लेकर यह बात उठने लगी है कि बिन्नी को उनके पिता और भाग्य की बदौलत टीम में शामिल किया गया। इसी को ध्यान में रखते हुए हमने उन क्रिकेटरों के बारे में बताना चाहा जो भाग्य के बलबूते टीम का हिस्सा बने।