वरुण एरॉन-
संभवत: भारत के सबसे तेज गेंदबाज जिसमे पास निरंतरता का अभाव है। एरॉन के पास तेज गेंदबाजी करने के सारे गुण मौजूद हैं। मगर खराब लाइन और लेंथ के कारण वह फ्लॉप गेंदबाज साबित हुए। उन्हें तो अपने पहले वन-डे विकेट के लिए 48वें ओवर तक इंतजार करना पड़ा था। एरॉन को बार-बार मौका दिलाने का श्रेय ऑस्ट्रेलियाई दिग्गज ग्लेन मॅक्ग्राथ और महेंद्र सिंह धोनी को जाता है। असल में राष्ट्रीय क्रिकेट एकेडमी में मॅक्ग्राथ के चहेते शिष्य हैं एरॉन। धोनी भी तेज गति को प्राथमिकता देने के इरादे से एरॉन का समर्थन करते आए। मगर एरॉन ने खूब रन खर्च किए और विकेट भी नहीं ले सके। फिर भी उन्हें मौके मिले। तो अब आप भी कहेंगे ही न कि ‘वरुण एरॉन इज ए लकी गाय’ यानी भाग्यशाली क्रिकेटर एरॉन।