शक्तिपीठ (भाग -5): देवी के वो चमत्कारिक मंदिर जहाँ गिरे थे सती के कटे अंग
दुर्गा या देवी पूजा की महिमा सिर्फ भारत में ही नहीं दुनिया के और भी कई देशों में फैली है.
देवी उपासना के सबसे प्रसिद्ध केंद्र शक्तिपीठ ना सिर्फ हमारे देश में स्थित है अपितु हमारे पड़ोसी देशों में भी प्रसिद्ध शक्तिपीठ विद्यमान है. इस श्रृंखला की पिछली कड़ियों में हमने देश में स्थित 40 शक्तिपीठों के स्थान और महत्व की जानकारी दी. आज इस श्रृंखला के आखिरी भाग में आपको देश और विदेश में स्थित शेष शक्तिपीठों के बारे में बताते है.
विराट का अम्बिका शक्तिपीठ
राजस्थान की राजधानी जयपुर के वैराटग्राम में स्थित है विराट शक्तिपीठ. ये शक्तिपीठ वह स्थान है जहां सती के ‘दायें पाँव की उँगलियाँ’ गिरी थीं.यहां की शक्ति अंबिका तथा भैरव अमृत हैं. यहाँ हर साल नवरात्रि के मौके पर हजारों की तादाद में श्रद्धालु दर्शन के लिए आते है.
कालीघाट शक्तिपीठ
पश्चिम बंगाल, कोलकाता के कालीघाट में कालीमन्दिर देश का सबसे प्रसिद्ध शक्तिपीठ है. इसी शक्तिपीठ के आश्रम में रामकृष्ण परमहंस रहा करते थे.
काली भक्तों और तांत्रिकों के लिए ये काली मंदिर विशेष उपासना का स्थान है. दुर्गा पूजा के मौके पर इस शक्तिपीठ में टिल रखने को भी जगह नहीं मिलती. यह वह स्थान है जहाँ माता के दाएं पांव की अंगूठा छोड़ 4 अन्य अंगुलियां गिरी थीं. यहां की शक्ति कालिका तथा भैरव नकुलेश हैं.
मानस शक्तिपीठ
मानस शक्तिपीठ का स्थान देश से बाहर है. तिब्बत के करीब हिन्दू धर्मावलम्बियों के महत्वपूर्ण तीर्थस्थल मानसरोवर के तट पर बना है मानस शक्तिपीठ. यह वह स्थान है जहाँ माता का दाहिना हथेली का निपात हुआ था. जो भी कैलास मानसरोवर की यात्रा पर जाता है वह मानस शक्तिपीठ के दर्शन भी ज़रूर करता है. यहां की शक्ति की दाक्षायणी तथा भैरव अमर हैं.
लंका शक्तिपीठ
देश के सुदूर दक्षिण भाग में स्थित हमारे पड़ोसी देश श्रीलंका में भी एक शक्तिपीठ स्थित है.
कहा जाता है कि यहाँ माता का नुपुर गिरा था. देश के बाहर स्थित ये शक्तिपीठ श्रीलंका में रहने वालों की भी श्रद्धा का केंद्र है. यहां की शक्ति इन्द्राक्षी तथा भैरव राक्षसेश्वर हैं. लेकिन, उस स्थान ज्ञात नहीं है कि श्रीलंका के किस स्थान पर गिरे थे.
गण्डकी शक्तिपीठ
नेपाल में बहुत से हिन्दू मंदिर है. जिनमे से कुछ तो विश्वप्रसिद्ध है, जैसे पशुपतिनाथ शिव मंदिर और गण्डकी शक्तिपीठ.
नेपाल के इन मंदिरों में भारतीय और नेपाली दोनों ही देशों के लोग बड़ी संख्या में दर्शनार्थ जाते है.
नेपाल में गण्डकी नदी के उद्गम पर स्थित है गण्डकी शक्तिपीठ, जहां सती के कपोल (गाल) गिरा था.
यहां शक्ति `गण्डकी´ तथा भैरव `चक्रपाणि´ हैं.
गुह्येश्वरी शक्तिपीठ
नेपाल के काठमाण्डू में पशुपतिनाथ मन्दिर के पास ही स्थित है गुह्येश्वरी शक्तिपीठ है, जहां माता सती के दोनों घुटने गिरे थे. यहां की शक्ति `महामाया´ और भैरव `कपाल´ हैं
हिंगलाज शक्तिपीठ
पाकिस्तान में देवी का मंदिर ? सुनकर आश्चर्य हुआ ना ? लेकिन ये सत्य है. पाकिस्तान के ब्लूचिस्तान प्रान्त में स्थित है माता हिंगलाज शक्तिपीठ, जहां माता का ब्रह्मरन्ध्र (सर का ऊपरी भाग) गिरा था.
यहां की शक्ति कोट्टरी और भैरव भीमलोचन है.
सुगंध शक्तिपीठ
पश्चिम बंगाल से सटे बांग्लादेश में भी शक्तिपीठ स्थित है और एक शक्तिपीठ नहीं यहाँ माता के चार प्रसिद्ध शक्तिपीठ है. बांग्लादेश के खुलना में सुगंध नदी के तट पर स्थित है उग्रतारा देवी का शक्तिपीठ, जहां माता का नाक गिरा था.
यहां की देवी सुनन्दा है तथा भैरव त्रयम्बक हैं.
करतोयाघाट शक्तिपीठ
बांग्लादेश में ही ये दूसरा शक्तिपीठ भी है . भवानीपुर के बेगड़ा में करतोया नदी के तट पर स्थित है करतोयाघाट शक्तिपीठ. जहां माता का वाम तालू गिरा था.यहां देवी अपर्णा रूप में तथा शिव वामन भैरव रूप में वास करते हैं.
चट्टल शक्तिपीठ
बांग्लादेश के प्रसिद्ध शहर चटगांव में वह स्थान है जहाँ पर माता का दाहिना बाजू गिरा था. इस शक्तिपीठ को भवानी शक्तिपीठ के नाम से जाना जाता है.
यहाँ की शक्ति भवानी तथा भैरव चन्द्रशेखर हैं.
यशोर शक्तिपीठ
वैसे तो बांग्लादेश एक मुस्लिम देश है पर पहले था तो भारत का ही हिस्सा. वो भी बंगाल का, जहाँ सबसे ज्यादा देवी के उपासक होते है.
आज भी बांग्लादेश में सिर्फ एक चट्टल शक्तिपीठ ही नहीं एक और शक्तिपीठ भी है.
खुलना का यशोरेश्वरी शक्तिपीठ, वह स्थान है जहाँ माता की बायीं हथेली गिरी थी .यहां की शक्ति यशोरेश्वरी तथा भैरव चन्द्र हैं.
Yogesh Pareek
Writer, wanderer , crazy movie buff, insane reader, lost soul and master of sarcasm.. Spiritual but not religious. worship Stanley Kubrick .
in short A Mad in the Bad World.