जब कोई हत्यारा, हत्या करता है तो उसके पीछे कोई-ना-कोई कारण छिपा होता है.
पर जब कोई सीरियल किलर हत्या करता है तो इसके पीछे जरूरी नहीं कोई मकसद हो आमतौर पर ये कोई मानसिक बीमारी भी हो सकती है.
भारत में भी सीरियल किलर का काफी खौफ रहा है.
आइये हम आपको मिलाते हैं भारत के 7 सबसे खतरनाक सीरियल किलर से…
1- ऑटो शंकर-
गैरकानूनी रूप से शराब की तस्करी करने के लिए गौरी शंकर का नाम ऑटो शंकर पड़ गया.
और 80 के दशक में ऑटो शंकर का नाम सीरियल किलर लिस्ट में जुड़ गया. वर्ष 1988 में 6 महीने में ऑटो शंकर ने थिरुवंमियुर, चेन्नई में 8 लड़कियों की हत्या की. शुरुआत में अपने जुर्म का सारा गुनाह फिल्मों के ऊपर मढ़ दिया. उसने कहा कि फिल्मों का गलत असर पड़ा जिसने उसे गुनाह करने के लिए इन्फ्लुएंस किया. पर फांसी मिलने के 1 महीने पहले उसने बताया की किसी नेता के कहने पर वो ये मर्डर कर रहा था.
जो की टीनएज लड़कियों का रेप करता था.
गिरफ़्तारी के बाद ऑटो शंकर चेन्नई सेंट्रल जेल से भागने में कामयाब रहा.पर जल्द ही राउरकेला, ओड़ीसा में पकड़ा गया. 1995 को ऑटो शंकर को फांसी दे दी गयी.
2- साइनाइड मोहन-
पहले तो लड़किओं को प्यार के जाल में फंसाना, फिर उनसे शारीरिक सम्बन्ध बनाना और फिर गर्भनिरोधक गोलियां खिलाने के बहाने साइनाइड की गोली खिला देना.
मोहन कुमार उर्फ़ साइनाइड मोहन का यही शौक था.
2005 से 2009 के बीच साइनाइड मोहन ने 20 लड़कियों की हत्या की. सीरियल किलर बनने से पहले साइनाइड मोहन एक स्कूल में शारीरिक विज्ञान का टीचर था.
दिसम्बर 2013 को साइनाइड मोहन को मौत की सजा सुनाई गयी.
3- डॉ देवेन्द्र शर्मा-
जब डॉक्टर बनते हैं तो किसी की जान बचाने की शिक्षा दी जाती है.
पर जब डॉक्टर पर पैसे कमाने का भूत सवार हो,जाए और ऐसा भूत जो पैसे के लिए किसी की जान भी लेने से न घबराये तो उसे क्या कहेंगे? आयुर्वेद के डॉक्टर देवेन्द्र शर्मा को कार के जरिये पैसे कमाने की सूझी. और उसके बाद उत्तर प्रदेश,गुडगाँव और राजस्थान से देवेन्द्र ने कारे चोरी की और ड्राईवरों की हत्या की. 2002 से 2004 के बीच करीब 30-40 ड्राईवरों की हत्या देवेन्द्र ने की.
2008 में उसको मौत की सजा सुनाई गयी.
4-चार्ल्स सोबराज-
चार्ल्स सोबराज “बिकिनी किलर” के नाम से प्रसिद्द है.
पहले टूरिस्ट के लिए समस्या खड़ी करो, फिर उसके तारणहार बनकर जाओ और उसका विश्वास जीतो और फिर उसको ठग लो. 1975 से 1976 तक चार्ल्स सोबराज ने 12 लोगों की हत्या की. दो महिलाओं की बॉडी फ्लोरल बिकिनी में मिली, जिनकी हत्या चार्ल्स सोबराज ने की थी. इसलिए चार्ल्स सोबराज का नाम “बिकिनी किलर” पड़ा.
1976 से 1997 तक चार्ल्स ने भारत में आजीवन कारावास की सजा काटी. उसके बाद वो पेरिस चला गया. फिर नेपाल गया और उसे दुबारा गिरफ़्तार किया गया. अभी नेपाल में वो दूसरी बार आजीवन कारावास की सजा
काट रहा है. चार्ल्स सोबराज पर एक फिल्म भी आ रही है “मैं और चार्ल्स” जिसमे रणदीप हुड्डा चार्लस सोबराज का किरदार निभा रहे हैं.
5-रेणुका शिंदे और सीमा गावित-
भारत की पहली महिलाएं जिन्हें फांसी की सजा सुनाई गयी.
किलर सिस्टर की माँ अंजनाबाई ने इन्हें चोरी करना सिखाया.फिर उन्हें लगा की अगर वो बच्चों का इस्तेमाल चोरी में करे तो ये आसान होगा.तो उन्होंने बच्चों का किडनैप करना शुरु कर दिया.
जिन बच्चों ने भी समस्या पैदा करना शुरू किया उन्हें मार दिया.अपने कन्फेशन में उन्होंने कहा की उन्हें याद भी नहीं कि कितने बच्चों की हत्या की.
6- निठारी हत्यारे-
नोएडा के बिजनेसमैन मोनिंदर सिंह पंधेर और उसके नौकर सुरिंदर कोली को 2006 में गिरफ्तार किया गया.
पहले निठारी गाँव से गुमशुदा बच्चों के कंकाल मिले. उसके बाद इस केस ने काफी ट्विस्ट एंड टर्न लिया. और मीडिया में भी ये केस काफी छाया रहा. उनपर बलात्कार, नरमांस भक्षण, ऑर्गन ट्रैफिकिंग के आरोप लगे. उनमे से कुछ सही साबित हुए पर अधिकतर अफवाह ही रहे.
सुरेन्द्र कोली को मौत की सजा मिली. पर अभी 11 केस असुलझे हैं. इसलिए पंधेर को अभी सजा नहीं सुनाई गयी है.
7 –साइनाइड मल्लिका-
साइनाइड मोहन के बाद साइनाइड मल्लिका भी है इस लिस्ट में. बेंगलोर की मल्लिका ने 1999 से 2007 के बीच 6 महिलाओं को मारा.
नीचले मध्यम वर्ग की महिलायें जो की घरेलु हिंसा से पीड़ित होती थी, उन्हें सांत्वना देने के बहाने उन्हें साइनाइड देकर मार देती थी.
और उसके बाद उनकी चीजे चुरा लेती थी. 2007 साइनाइड मल्लिका को अरेस्ट किया गया. 2012 में मौत की सजा सुनाई गयी जो की बाद में आजीवन कारावास में तब्दील कर दी गयी.
तो अगर आप किसी अनजान पर भरोसा कर रहे हैं तो सोच-समझकर करें, सचेत रहें. क्यूंकि वो एक सीरियल किलर भी हो सकता है.
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