विवादित मंत्री – यूपी की राजनीति की पृष्ठभूमि ही कुछ अलग है।
यहां पर ऐसे-ऐसे नेताओं ने जन्म लिया है कि देश की राजनीति में भूचाल आ गया। आज हम यूपी के सबसे विवादित मंत्री के बारे में बता करने जा रहे हैं। जी हां, यूपी की पृष्ठभूमि में अब तक इनसे ज्यादा विवादित मंत्री कोई नहीं आया है और शायद आएगा भी नहीं।
तो चलिए जानते हैं कि वो कौन-सा मंत्री है जिसने विवादों में सबसे ज्यादा नाम कमाया है।
एनडी तिवारी है नाम
18 अक्टूबर, 1925 को नैनीताल के बलूती गांव में जन्में एन.डी तिवारी हल्दवानी, बरेली और नैनीताल के अलग-अलग स्कूलों में पढ़े हैं। राजनीति में तिवारी स्वतंत्रता आंदोलन के ज़रिए आए। एन.डी तिवारी ब्रिटिश विरोधी चिट्ठियां लिखा करते थे और इसी वजह से उन्हें 1942 में अरेस्ट कर लिया है और नैनीताल की जेल में बंद कर दिया गया। 15 महीने बाद यहां से रिहा होकर वो इलाहाबाद यूनिवर्सिटी पहुंचे और आगे की पढ़ाई की। 1947 में स्टूडेंट यूनियन के अध्यक्ष बने और 1945 से 49 के बीच ऑल इंडिया स्टूडेंट कांग्रेस के सेक्रेटरी रहे।
यूपी के मुख्यमंत्री
अपने राजनीतिक करियर में तिवारी जी को तीन बार यूपी का मुख्यमंत्री बनने का मौका मिला और एक बार वो उत्तराखंड के मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं। इसके अलावा उन्होंने राजनीति में कई अन्य पदों पर रहते हुए कार्यभार भी संभाला।
विवादित किस्से
आपको जानकर हैरानी होगी कि साल 2007 से 2009 के बीच आंध्र प्रदेश के गर्वनर रहते हुए तिवारी जी का नाम एक सेक्स स्कैंडल में आ गया और इस वजह से उन्हें इसतीफा तक देने की नौबत आ गई। इसके बाद तिवारी साहब देहरादून शिफ्ट हो गए।
इस सेक्स स्कैंडल की बात करें तो एक चैनल ने वीडियो जारी किया जिसमें तिवारी साहब राजभवन में तीन महिलाओं के साथ लेटे हुए थे। जांच में पता चला कि एक माइनिंग डील टूटने का हिस्सा था, वो मामला।
जैविक पिता होने का आरोप
साल 2008 में रोहित शेखर ने एन.डी तिवारी पर अपने जैविक पिता होने का दावा ठोक दिया। कोर्ट ने डीएनए टेस्ट का आदेश दिया और रिपोर्ट में पता चला कि तिवारी ही रोहित के पिता हैं। फिर साल 2014 को मार्च में तिवारी जी ने रोहित को अपना बेटा स्वीकार किया। 22 मई, 2014 को रोहित की मां उज्जवला से शादी की।
तिवारी जी के राजनीतिक करियर की सबसे खास बात ये रही है कि जिस उम्र में लोग खड़े नहीं हो पाते उन्होंन उस उम्र में राजनीति में वापसी की। साल 2002 के बाद कोई चुनाव नहीं लड़ा लेकिन 2012 में कम से कम 7 कैंडिडेट्स को उत्तराखंड में कांग्रेस से चुनाव लड़वाया।
कर्नाटक के बाकी नेता पोर्न देखने की वजह से कभी राजनीति में वापसी नहीं कर पाए लेकिन एन.डी तिवारी वो नेता थे जिनकी तो सेक्स वीडियो तक लीक हो चुकी थी फिर भी राजनीति में इतने दिन बरकरार रहे।
उम्र बढ़ने के साथ उनकी याद्दाश्त भी कमजोर होती जा रही थी और इस वजह से उनके साथ हमेशा एक आदमी रहता था जो उन्हें याद दिलाता था कि वो कब, क्यों किससे मिले थे।
आपको यूपी के इस सबसे विवादित नेता की कहानी कैसी लगी, कमेंट करके जरूर बताएं।