ना जाने मरने से पहले वो कितनी देर तक लहूलुहान तडपती रही होगी.
जज ने अपने फैसले में कहा कि अपराध की रिपोर्ट पढने और सुबूतों को देखने के बाद वो खुद उस मासूम लड़की की दर्द भरी चीखें सुन सकती है और समझ सकती है कि इन नरपिशाचों ने उसके साथ कैसी कैसी दरिंदगी की और उस पर भी मन नहीं भरा तो किस तरह यातनाएं देकर उसे मार डाला.