किसी भी चुनाव में ईवीएम की सुरक्षा के लिए आपने सेना की तैनाती, पुलिसबल की तैनाती सुनी होगी.
लेकिन आपने कभी सुना है कि ईवीएम की सुरक्षा के लिए लंगूर की तैनाती होती है।
नहीं सुना है तो अब सुन लीजिए।
इस बार उत्तर प्रदेश चुनाव में ईवीएम की सुरक्षा के लिए लंगूर की तैनाती की गई। अभी मेरठ में इसे लगाया गया है। चुनाव के बाद जिस जगह पर पहले चरण की ईवीएम मशीन रखी गई है, वहां पर सेनाबल के साथ-साथ 8 लंगूर को भी दिन-रात सुरक्षा में लगाया गया है।
कई मतगणना केंद्र ऐसे हैं जहां बंदरों का आतंक है। मेरठ में ही ऐसे कई मतगणना केंद्र रहे। इन बंदरों के आतंक से फोर्स भी परेशान नजर आई। ऐसे में सेना नहीं मुकाबले के लिए लंगूर लगाए गए क्योंकि ये बंदर इंसान से नहीं बल्कि लंगूर ही डरते हैं।
पहले चरण के चुनाव में मेरठ में आठ लंगूर लगाए गए, जिनमें से दो रात-दिन बंदरों को खदेड़ने में तथा अन्य ईवीएम के आसपास लगाए जाएंगें ताकि मशीन बंदर की पहुंच से दूर रहे। ये बंदर इतने बदमाश है कि सेना के जवान इसे एक साइड से भगाते हैं तो वह दूसरी साइड से आ जाते हैं। ऐसे में ईवीएम की सुरक्षा में लगे जवानों का ध्यान भी भटकता है और परेशानी भी बहुत होती है। ये बंदर जवान से भी ज्यादा फुर्तीले हैं। अगर गलती से भी यह कंट्रोल रुम में घुस गए तो भारी तबाही मचा देंगे।
बंदरों से होने वाली परेशानियों को देखते हुए प्रशासन ने लंगूर को इस काम में लगा दिया है।
प्रशासन का यह कदम कितना सही है यह कुछ दिनों में साफ हो जाएगा लेकिन उत्तर प्रदेश का चुनाव हमेशा से ही खास रहा है, इस बार और खास इसे लंगूर बना देंगे।
ईवीएम यानि इलैक्ट्रोनिक वोटिंग मशीन चुनाव में सबसे महत्वपूर्ण होता है। मतदाता इसी में प्रत्याशी के किस्मत का फैसला बंद करते हैं और जब यह खुलता है तो किसी को राजा तो किसी को रंक बना देता है।