जो लोग अभी भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर हल्के में ले रहे हैं. उनको अब संभल जाना चाहिए.
क्योंकि नरेंद्र मोदी के निशाने पर अब वे लोग हैं जो कानून को ठेंगा दिखाते हुए बैंको का पैसा लेकर विदेशों में जाकर छिप गए है.
जिन लोगों ने कुछ दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का इंटरव्यू देखा है वो जान रहे होंगे कि प्रधानमंत्री मोदी ने उस समय दो ही बातों को लेकर चेतावनी दी थी. एक तो कालेधन को लेकर, दूसरे भारत से पैसा लेकर भागे ललित मोदी और विजय माल्या जैसे डिफाल्टरों को लेकर.
उस वक्त नरेंद्र मोदी ने कालेधन को लेकर कहा था वे इसके लिए चुनावों की भी चिंता नहीं करेंगे. उन्हें इस बात की भी चिंता नहीं हैं कि लोग उन्हें वोट देंगे या नहीं. लेकिन वे वोट के डर से कालेधन पर सख्त कार्रवाई करने से पीछे नहीं हटेंगे.
इसी प्रकार प्रधानमंत्री मोदी ने भारत के कानून का मजाक बनाकर भागे ललित मोदी और माल्या को लेकर भी चेतावनी भरे सख्त लहजे में कहा था कि इन लोगों को मैं बताउंगा कि कानून क्या होता है.
बहुत से लोगों ने उस वक्त नरेंद्र मोदी की बातों को हल्के में लेनी की कोशिश की थी. उनको अब समझ में आ रहा होगा कि वो केवल कोरी धमकी नहीं थी. मोदी की हिट लिस्ट में भारत से पैसा लेकर फरार हुए लोगों में लिकर किंग विजय माल्या, आईपीएल के पूर्व अध्यक्ष ललित मोदी और मीट करोबारी मोइन कुरैशी आदि शामिल है.
ये लोग ही नहीं बल्कि विरोधी दल के लोग भी अभी तक यही सोच रहे हैं कि इन डिफाल्टरों का कुछ नहीं बिगड़ने वाला है.
ऐसे लोगों को अब अपनी सोच बदल लेनी चाहिए, क्योंकि काले धन पर कार्रवाई को लेकर भी कुछ दिन पहले तक लोग इसी प्रकार की बात करते थे.
आपको बता दें कि आने वाले दिनों में लिकर किंग विजय माल्या की मुश्किल बढ़ने वाली है. देश के अलग-अलग बैंकों से करीब 9000 करोड़ रुपये अधिक लेकर फरार हुए विजय माल्या को कानूनन भगोड़ा अपराधी घोषित कर दिया गया है. विजय माल्या को भगोड़ा घोषित करने के लिए प्रवर्तन निदेशालय ने मांग की थी.
वहीं दूसरी ओर आईपीएल के पूर्व अध्यक्ष ललित मोदी पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने वित्तीय अनियमितताओं (फेमा) के आरोप लगे हैं. उनपर आईपीएल में घोटाले और मैच फिक्सिंग के भी आरोप हैं. आईपीएल 2010 फाइनल के बाद ललित मोदी को आईपीएल के अध्यक्ष पद से हटाए जाने के बाद से मोदी लंदन में हैं.
इसी प्रकार हाल में मीट के कारोबारी मोइन कुरैशी भी चमका देकर भारत से भाग गया है. ईडी ने कुरैशी के खिलाफ इससे पहले विदेशी विनिमय प्रबंध कानून (फेमा) के तहत जांच शुरु की थी. कुरैशी ने हवाला के जरिए काफी मोटी रकम दुबई, लंदन और यूरोप के कुछ अन्य स्थानों में भेजी है.
इसलिए ये लोग अगर यह सोच रहे हैं कि भारत सरकार उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाएगी तो, ये जान ले कि वे गलत फहमी में हैं.
इन लोगों को भारत लाना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही नहीं भारत की प्रतिष्ठा से भी जुड़ गया है और सब जानते हैं कि नरेंद्र मोदी अपनी और देश की प्रतिष्ठा से समझौता नहीं करते हैं.