इन दिनों सोशल मीडिया में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक वीडियों तेजी से वायरल हो रहा है.
इस वीडियों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नेशनल कांफ्रेंस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री फारूख अब्दुल्ला को चेतावनी दे रहे हैं कि आज कश्मीर घाटी के जो हालात है उसके लिए वो और उनका परिवार जिम्मेंदार है. यही नहीं, वे आगे कहते हैं कि अगर मैं कश्मीर को लेकर कुछ बोलता नहीं हूं तो इसका ये मतलब नहीं है कि अब्दुल्ला परिवार घाटी में जो चाहे वो कर लेगा.
वीडियों में जिस वक्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फारूख अब्दुल्ला को सुधरने की नसीहत दे रहें हैं उस वक्त वे अपनी बात कहते हुए रूक जाते हैं और शब्दों को संभालकर बोलते हैं.
बताया जाता है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मन में फारूख अब्दुल्ला को लेकर बहुत गुस्सा है. साथ ही उनकों इस बात का भी एहसास है कि वे भारत के एक जिम्मेंदार पर बैठे हैं. इसलिए वे फारूख अब्दुल्ला को धमकी देते हुए अंत में अपने शब्दों पर नियंत्रण कर लेतें हैं.
वे फारूख अब्दुल्ला को कहते हैं कि एक बार खुद को आइने के सामने खड़ा करके देख लें. फिर बात करें कि कश्मीर की वर्तमान स्थिति के लिए कौन जिम्मेंदार है.
यही नहीं, वे इशारों ही इशारों में चुनौती भी देते हैं. कहते हैं कि अगर फारूख अब्दुल्ला इस भ्रम में हैं कि वे कश्मीर को उसी दौर में ले जाएंगे जिसमें उनके पिता जी लेकर जाने वाले थे तो वे भ्रम में है. इस बार ऐसा कुछ नहीं होने वाला है.
बताते चलें कि फारूख अब्दुल्ला ने कश्मीर के पत्थरबाजों को आजादी का सिपाही तक बता दिया था. इतना ही नहीं वे समय समय पर कश्मीर में पाकिस्तान के इशारे पर की जा रही पत्थरबाजी और आजादी के नारों का समर्थन भी करते रहें हैं. इस मुहिम में उनका बेटा और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला भी उनका बाखूबी साथ देते हैं.
वहीं दूसरी ओर कश्मीर को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर विपक्ष चुप रहने के आरोप लगाता रहा है. ऐसे में वीडियों के जरिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कश्मीर को लेकर जो मन की बात बाहर आई हैं वह बताती है कि अब कश्मीर में बहुत हो चुका. ये बात प्रधानमंत्री भी जान रहे हैं.
जिस प्रकार कश्मीर घाटी के पत्थरबाजों और आजादी के नारें लगाने वालों के लिए फारूख अब्दुल्ला और अलगाववादी सुर में सुर मिला रहे हैं उसको देखते हुए नरेंद्र मोदी ने अब कड़ा रूख अपना लिया है. इस वीडियों को देखकर तो यही लगता है.
क्योंकि प्रधानमंत्री मोदी ने फारूख अब्दुल्ला को जिस लहजे में चेतावनी दी है उसका प्रयोग वे आमतौर पर नहीं करते हैं. जानकारों का भी मानना है कि अगर प्रधानमंत्री अब कश्मीर के अलगावादियों को चेता रहें है तो इसका मतलब साफ है कि अब उनको भी एहसास हो चुका है कि कश्मीर में पानी सिर के ऊपर से जा चुका है.
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