जो लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार को अभी भी नहीं समझें हैं उनके लिए अभी भी मौका है कि वे सावधान हो जाए.
क्योंकि 31 दिसंबर को रात के जैसे ही 12 बजेंगे तो देश में जमाखोरी करने वाले और कालाधान जमा करने वालों के बुरे दिन शुरू हो जाएंगे.
मोदी सरकार की ओर से जो संकेत मिल रहे हैं वो साफ बता रहे हैं कि आने वाला नया साल ऐसे लोगों के लिए बेहद कठिन साबित हो सकता है जो अभी भी सरकार की आंखों में धूल झौंक कर बच निकलने की सोच रहे हैं.
वित्तमंत्रालय की ओर से दी गई चेतावनी से लग रहा है कि नया साल शुरु होते ही सरकार ब्लैक मनी रखने वालों और ब्लैक का व्हाइट करने वालों के खिलाफ ऑपरेशन क्रैकडाउन शुरु करने जा रही है.
आपको बता दें कि नोटबंदी के दौरान हेराफेरी करने वालों के खिलाफ देश की बड़ी जांच एजेंसिया अभी से अलर्ट हो गई हैं. खबर है कि इसके लिए एजेंसियों ने बड़े पैमाने पर तैयारी की है.
रोज हो रहे बड़े घपलों को ध्यान में रखते हुए मोदी सरकार की तीन बड़ी एजेंसियां सीबीआई, प्रर्वतन निदेशालय और इनकम टैक्स डिपार्टमेंट पूरी मुस्तैदी और रणनीति के तहत मैदान में उतर चुका है. मोदी सरकार के इरादों का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि अब तक प्रवर्तन निदेशालय ने करीब 200 बैंकों पर छापेमारी की है और करीब 500 से अधिक बैंक उसके रडार पर है, जिनमें से कई के खिलाफ जांच भी शुरू कर दी गई है.
सीबीआई की ओर से निदेशक के तौर पर कार्यरत राकेश अस्थाना ने कमान संभाली है तो प्रवर्तन निदेशालय से निदेशक कर्नल सिंह और सीबीडीटी के चैयरमैन सुशील चंद्रा सीधे तौर पर जांच पड़ताल की निगरानी कर रहे हैं.
गौरतलब है कि ये इस तरह का पहला मौका है जब तीनों एजेंसियां एक साथ मिलकर काले धन को सफेद करने के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए एक साथ एक मुहीम में जुटी है. इसकी एक वजह ये भी है कि ये जांच पड़ताल पूरी तरह से एक दूसरे से जुड़ी हुई है. जिस कारण काले कारोबारियों के बच निकलने की संभावना बहुत कम है.
इसके अलावा खुफिया तंत्र को भी इस काम में पूरी तरह से झोंक दिया गया है. वित्त मंत्रालय के अधीन काम करने वाली एजेंसी फाइनेंसियल इंटेलीजेंस यूनिट और केंद्रीय खुफियी एजेंसी आईबी के अधिकारी लगातार सीक्रेट इंफारमेशन मुहैया करा रहे हैं. जिसपर जांच एजेंसियां छापेमारी कर रही है.
जानकारों का कहना है कि मोदी सरकार नोटों की कालाबाजारी करने में जुटे बैंकों और सरकारी अधिकारियों पर भी नजर रख रही है. लेकिन वह 31 दिसंबर से पहले इन पर कोई बड़ा क्रैकडाउन करने से बच रही है. क्योंकि अभी देश में नोटबंदी के कारण जो माहौल है उसमें कार्रवाई करने से बात बिगड़ सकती है.
मोदी सरकार से खार खाया विपक्ष स्थिति को बिगाड़ने और नोटबंदी को विफल करने में जुट जाएगा. ऐसे में कालेधन और नोटों की जमाखोरी करने वाले को बच निकलने के लिए रास्ता मिल सकता है.
यही वहज है कि मोदी सरकार 31 दिसंबर की रात 12 का इंतजार कर रही है.
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