मोबाइल की लत – मोबाइल फोन व इंटरनेट ने हमारी जिंदगी आसान कर दी है। लेकिन इसकी लत बहुत खराब है, यह भी हम सभी जानते हैं। मोबाइल की लत ने कई जिंदगियां बर्बाद की है। सिर्फ बर्बाद ही नहीं बल्कि कई जिंदगियां छीन भी ली है।
मोबाइल फ़ोन में कैमरा आने के बाद से लोगों पर सेल्फी का भूत सवार है। इसी भूत ने कई लोगों को खतरनाक सेल्फियां लेने के लिए उकसाया और उन्हें अपनी जान से हाथ धोना पड़ा। वही दूसरी ओर ब्लू व्हेल जैसे कुछ खतरनाक गेम्स भी युवाओं व किशोरों की जान ले रहे हैं।
ऐसे ही एक ताजा मामले में मोबाइल फ़ोन की लत ने एक बार फिर एक 14 साल के लड़के को अपनी ही जान ले लेने के लिए मजबूर कर दिया। यह किशोर मोबाइल पर गेम खेलने का आदी था और इसी लत ने चलते उसने अपनी जान को गवां दिया। आइए जानते हैं पूरा मामला।
14 वर्षीय मृतक कृष्ण सुनील लुणावत नागपुर का रहने वाला था। बताया जा रहा है कि उसकी मां ने उससे मोबाइल छीन लिया था। इसलिए किशोर ने गुस्से में फांसी लगा ली। किशोर नागपुर के महाल इलाके में अपनी मां व बहन के साथ एक किराए के मकान में रहता था। उससे मोबाइल की इतनी लत थी कि वो गोंद की तरह हमेशा मोबाइल से ही चिपका रहता था।
किशोर की मां व बहन नौकरी करती थी। जबकि वो खुद घर में दिनभर अकेले ही रहता था। क्योंकि वो एक साल पहले ही स्कूल छोड़ चुका था। बालक वीडियो गेम खेलने का शौक़ीन था और मोबाइल की लत की वजह भी यही थी। वीडियो गेम खेलने का जुनून इस कदर बढ़ गया था कि अब वो अपनी मां से प्ले स्टेशन लेकर देने की जिद करने लगा था।
फिर 12 नवंबर को किशोर की मां को मुंबई काम से जाना था इसलिए उन्होंने उससे मोबाइल मांगा। उसने मोबाइल देने से माना किया किया तो मां ने छीन लिया और चली गई। कथित रूप से मां की इस बात से व्यथित होकर किशोर ने इतना बड़ा कदम उठाने की ठानी और चादर का फंदा बनाकर पंखे से लटक गया।
शाम को जब किशोर की बहन घर लौटी तो इस चौकाने वाले घटनाक्रम का खुलासा हुआ। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजकर मामले की जांच शुरू कर दी है।
देखा जाए तो मां का फ़ोन छीन लेना कोई बड़ी बात नहीं थी। लेकिन हम देख ही सकते है कि किसी भी गैजेट की लत कितनी खतरनाक साबित होने लगी है। आज पेरेंट्स खुद बच्चों को बिजी रखने या उनका ध्यान भटकाने के लिए उन्हें मोबाइल लेकर बैठा देते हैं। आपके देखा होगा कि कैसे एक 2 साल का बच्चा मोबाइल ना मिलने पर जमीन पर लौट लगाने लगता है। आजकल के बच्चे जहां जाते हैं, वहां मेजबान से ही फोन मांगने लगते हैं।
इस तरह की लत लगातार बढ़ती जा रही है और यह बेहद खतरनाक है। शुरुआती दौर में अगर परिजन बच्चे पर ध्यान देने लगे तो ऐसी नौबत नहीं आएगी। इसलिए परिजनों को जिम्मेदारी से काम लेना चाहिए।
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