विज्ञान और टेक्नोलॉजी

इस तकनीक से गिरने पर नहीं टूटेगी स्मार्टफोन की स्क्रीन !

फोन एयरबैग डिवाइस – आजकल के समय में युवाओं को ही नहीं बल्कि बच्‍चों और बूढों को भी स्‍मार्टफोन की लत लग गई है।

स्‍मार्टफोन और टेक्‍नोलॉजी के ज़माने में अब हर काम घर बैठे ही हो जाता है। अब लोग अपनी जान से भी ज्‍यादा संभालकर अपने फोन को रखते हैं क्‍योंकि एक यही वो चीज़ है जो आपके सारे राज़ जानती है।

ज़रा सोचिए अगर किसी के हाथ आपका फोन लग जाए तो उसे आपके सारे राज़ पता चल जाएंगें। स्‍मार्टफोन की चाहे जितनी भी जान से ज्‍यादा हिफाजत कर लें फिर भी कभी गलती से फोन आपके हाथ से गिर जाता है और उस पल तो जैसे जान निकलने ही वाली होती है।

कई बार फोन हाथ से गिरने पर स्मार्टफोन की स्क्रीन टूट जाती है और आप तो जानते ही हैं कि स्मार्टफोन की स्क्रीन के टूटने पर कितना खर्चा होता है। अगर कंपनी से स्‍क्रीन बदलवाते हैं तो तगड़ा खर्चा आता है और बाहर से लोकल स्‍क्रीन लगवाने में वो ओरिजनल वाला मज़ा कहां आ पाता है। ऐसे में लोग अपने स्‍मार्टफोन की सुरक्षा दिलो-जान से करते हैं फिर भी कई बार फोन हाथ से गिरकर टूट जाता है लेकिन अब आपको अपने फोन की स्‍क्रीन के टूटने की ज्‍यादा चिंता करने की जरूरत नहीं है।

कई बार ऐसा होता है कि जब स्मार्टफोन लोग हमारे हाथ से जमीन पर गिरता है और उसकी स्क्रीन टूट जाती है। लेकिन अब आपके स्मार्टफोन की स्क्रीन के साथ ऐसा नहीं होगा। अब फोन के गिरने पर भी उसकी स्‍क्रीन बिलकुल नहीं टूटेगी।

जी हां, अब एक ऐसी तकनीक आई है जिससे स्‍मार्टफोन गिरने पर भी स्मार्टफोन की स्क्रीन टूटेगी नहीं।

तो चलिए जानते हैं आपकी स्मार्टफोन की स्क्रीन बचाने वाली इस नई तकनीक के बारे में।

फोन एयरबैग डिवाइस

जर्मनी में रहने वाले फिलिप फ्रेंचल ने फोन एयरबैग डिवाइस बनाई है जोकि आपके स्‍मार्टफोन की स्‍क्रीन को टूटने नहीं देगा। फिलिप जर्मनी की एलन यूनिवर्सिटी में पढ़ते हैं और उनकी उम्र 25 साल है। जब खुद फि‍लिप के स्‍मार्टफोन की स्‍क्रीन गिरने से टूट गई तो उन्‍हें ये डिवाइस बनाने का आइडिया आया।

कैसे करता है काम

इस फोन एयरबैग डिवाइस को बनाने में फिलिप को 4 साल लग गए। आपको बता दें कि इस डिवाइस में एक सेंसर लगा हुआ है जोकि फोन के नीचे टकराने से पहले इसमें लगी हुई स्प्रिंग को बाहर की ओर निकाल देता है। इससे फोन जंप करने लगता है और इसके चारों कोनों पर स्प्रिंग लगी हुई है जोकि फोन को प्रोटेक्‍ट करती हैं।

जैसे ही केस को फ्री फॉल का अहसास होता है यह एक्टिवेट होकर बाहर निकल आता है। साथ ही इन एयरबैग्‍स को फोन गिरने के बाद फिर से फोल्‍ड कर केस में डाला जा सकता है।

फिलिप ने अपने इस अनोखे फोन एयरबैग डिवाइस को AD नाम दिया है। उसके अनुसार एडी का मतलब है एक्टिव डेपनिंग। उसने इस फोन एयरबैग डिवाइस का पेटेंट भी रजिस्‍टर करवा लिया है। जर्मेन की मैक्‍ट्रोनिक्‍स सोसायटी की ओर से फिलिप को अपने इस कारनामे के लिए पुरस्‍कृत किया गया है।

तो दोस्‍तों, अगर आप इस तकनीक का इस्‍तेमाल करते हैं तो आपके स्मार्टफोन की स्क्रीन भी गिरने पर नहीं टूटेगी।

Parul Rohtagi

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Parul Rohtagi

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