Whatsapp – जिस तरह से ड्रग्स एडिक्ट को ड्रग्स की आदत हो जाती है ठीक उसी तरह से आज के युवा पीढ़ी से लेकर बूढ़े तक को सोशल मीडिया की कुछ इस तरह की आदत लगी है कि आप भी इसे समझ सकते हैं.
Whatsapp अगर बंद हो गया तो आज के लोग बेरोजगार हो जाएंगे.
भारत में करीब 50 करोड़ इंटरनेट यूजर्स हैं. अंदाजा लगाइये कि करोड़ों स्मार्ट फोन पर अरबों मैसेज हर दिन इधर से उधर जा रहे हैं और उनकी सच्चाई पता करने की ना तो किसी के पास फुर्सत है और ना ही कुव्वत.
इस मीडिया को यूज़ करने के लिए हर समय लोग अपने मोबाइल में घुसे रहते हैं. खबर आ रही है कि अब ये बंद हो सकता है. असल में whatsapp के ज़रिये समाज में कई तरह की झूठी खबरें फैलाती हैं. पिछले कई दिनों से कुछ मासूम लोगों की जान भी जाती है. आपको ये ऐसा नहीं लगता कि झूठे और भड़काऊ WhatsApp संदेशों की शक्ल में सैंकड़ों-हजारों बम हर रोज हमारे आसपास बिखर रहे हैं. जिनमें से पता नहीं कब कौन सा फट जाए और बेकसूर लोगों की जान ले ले.
हाल ही में एक बच्चा चोरी की खबर कुछ इस तरह से फैली की पूछिये मत.
सोशल मीडिया के झूठ-सच को पकड़ने की जागरुकता बढ़ाने को लेकर दुनिया भर में माथापच्ची चल रही है. लेकिन साथ ही सस्ते डेटा प्लान ने WhatsApp को उन गली-कूचों, चौक-चौराहों तक पहुंचा दिया है जहां फेक न्यूज जैसे शब्द दूर की कौड़ी हैं.
ऐसा पहली बार नहीं बल्कि कई बार हो चूका है. इस मामले में कई बार इस एप्प को बोला गया है, लेकिन आजतक इसपर रोक नहीं लग पायी. हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को इस बात पर फटकार लगाईं और कहा कि जल्द से जल्द whatsapp को इस बात के लिए तलब किया जाए कि कैसे वो इस पर रोक लगाए.
असल में ऐसा करने वालों को लगता है कि बाकी लोग पागल हैं उन्हें कुछ समझ में नहीं आता. ये भड़काऊ और झूठे मैसेज भेजने वाले शायद हमें बेवकूफ समझते हैं कि हम उनके हर कहे पर यकीन कर लेंगे. एक जमाना था जब लिखे हुए हर शब्द को हम सच मान लेते थे. लेकिन WhatsApp पर लिखे हर शब्द, हर संदेश को पहले तो आप झूठ ही मानिए. पड़ताल के बाद वो सच निकल जाए तो अच्छा.
केंद्र सरकार ने इसके लिए सभी राज्य सरकारों को तलब किया और कहा कि जितने जल्दी हो सके इस पर रोक लगे. अब ये बहुत मुमकिन है कि whatsapp जब अपने फीचर्स में बदलाव करेगा और सख्त हो जाएगा तो बहुत से लोग इसे यूज़ करना बंद कर देंगे.
अब लोग इसके आदी हो चुके हैं तो ये कहना मुश्किल है कि कितने लोग इसका उपयोग करना बंद कर सकते हैं. लेकिन ये तो ज़ाहिर है कि जब लोगों को इसपर आनंद नहीं आएगा तो इसे वो बंद कर देंगे.
हर इंसान को आज़ादी पसंद है. ऐसे में जब उनकी आज़ादी पर रोक लगेगी तो वो बंद कर देंगे. ये भी मुश्किल है कि इंडिया में बाकी कुछ देशों की तरह ये एप्प पूरी तरह से बंद हो जाए.