Categories: विशेष

नेहरु जी की 5 गलतियाँ और कश्मीर हो गया था पाकिस्तान का, पहली बार पूरा सच

कश्मीर के विषय पर जब आप अपनी पड़ताल शुरू करते हैं तो सबसे पहले हमारी नजर जवाहरलाल नेहरू पर आकर रूकती है.

धीरे-धीरे समझ आने लगता है कि भारत से कश्मीर लिया नहीं गया है अपितु ऐसा लगता है कि पाकिस्तान को यह दे दिया गया है.

नेहरू जी की कुछ गलतियाँ उस समय ऐसी थी कि जिनकी वजह से कश्मीर पाकिस्तान के हाथों में चला जाता है.

आइये एक नजर डालते हैं उन्हीं गलतियों पर-

1.  भारतीय सेना जीत के करीब थी तो क्यों युद्ध विराम हुआ था

उस समय के प्रधानमंत्री नेहरू पर यह आरोप लगता है कि जब भारतीय सेना जीत के इतने करीब थी तभी युद्ध विराम क्यों किया गया था. तब अगर नेहरू देश हित में सोचते तो जरुर सेना की सलाह मान लेते. सेना बोल रही थी कि कुछ ही समय में हम पाकिस्तानियों को कश्मीर से भगा देंगे लेकिन नेहरू ने यह बात ना मानते हुए, ना जाने क्यों युद्ध रुकवाकर, पाकिस्तान का भला किया था.

2.  गाँधी जी और सरदार पटेल की राय क्यों नहीं ली गयी

क्या जवाहर लाल नेहरू खुद को अंतर्राष्ट्रीय स्तर का एक बड़ा नेता मानने लगे थे? तभी तो शायद वह बिना गाँधी और सरदार पटेल की राय लिए बिना कश्मीर मुद्दा राष्ट्रसंघ में ले गये थे. तभी राष्ट्रसंघ ने तुरंत युद्ध विराम और जनमत संग्रह का बोलकर युद्ध को रोकने का फरमान सुना दिया था.

3.  लार्ड माउन्टबेटन देश हित से बड़े हो गये थे

यह नेहरू की सबसे बड़ी गलती बोली जा सकती है. इस बात के लिए कभी देश नेहरु को माफ़ नहीं कर सकता है. जब भारत अंग्रेजों से मुक्त हो चुका था तब आखिर क्यों नेहरु ने  लार्ड माउन्टबेटन की राय मानते हुए युद्ध को रोका था. नेहरू कहते हैं कि मेरे उनसे भावनात्मक संबंध बन गये थे. लेकिन देश पूछता है कि क्या यह सम्बन्ध देश के संबंधों से भी ऊपर थे.

4.  कश्मीर का मुद्दा अपने पास क्यों ले लिया गया था

कश्मीर का मुद्दा जब जवाहरलाल नेहरू के लिए निजी मुद्दा बन गया था तो यह इनकी बड़ी गलती बोली जा सकती है. कश्मीर का प्रश्न सरकार के मंत्रालय से अलग करते हुए इन्होनें इस विषय को अपने पास ले लिया था. एक बार सरदार पटेल ने इस विषय पर बोलते हुए कहा था कि अगर कश्मीर का मुद्दा मेरे हवाले छोड़ दिया गया होता तो यह कब का हल कर दिया जाता.

5.  जब पहले ही खबर हो गयी थी कश्मीर पर हमला होने वाला है तो

सरदार पटेल के नाम नेहरू का 27 दिसंबर 1947 के पत्र से यह पता चलता है कि नेहरू को पता चल गया था कि कश्मीर पर कबायली हमला होने वाला है तो नेहरू ने अंत तक का इंतज़ार क्यों किया? राजा हरि सिंह से नेहरू के रिश्ते सही नहीं थे और इसीलिए नेहरू ने खुद अंत तक यह कोशिश नहीं की थी कि राजा संधि पर हस्ताक्षर कर भारत में विलय प्रस्ताव को मान लें. अंत में सरदार पटेल ने अपनी सूझबूझ से यह काम करवा लिया था. तो पहले ही सरदार पटेल को सब क्यों नहीं करने दिया गया था.

यह बातें तो बस ऊपरी तौर पर ही नजर आ जाती हैं लेकिन अगर आप मुद्दे की तह तक जाते हैं तो नजर आता है कि कश्मीर आज भारत देश के पास नहीं है तो इसके पीछे सीधे-सीधे उस वक़्त के प्रधानमंत्री नेहरू को दोष दिया जा सकता है.

Chandra Kant S

Share
Published by
Chandra Kant S

Recent Posts

दुनियाभर के मुस्लिम लोग अब नरेंद्र मोदी के दुश्मन क्यों होते जा रहे हैं? 

मुस्लिम लोगों में एक पुरुष वर्ग ऐसा है जो कि शुरू से ही नरेंद्र मोदी…

5 years ago

दिल्ली दंगों के समय नरेंद्र मोदी क्या कर रहे थे, मोदी के इस फैसले ने बचाई हजारों बेगुनाह हिन्दुओं की जान 

अजीत डोभाल को यह खबर थी कि मुस्लिम इलाकों में मस्जिदों से इस तरीके का…

5 years ago

दिल्ली में जारी रेड अलर्ट, स्लीपर सेल के आतंकवादी उड़ा देना चाहते हैं पूरी दिल्ली को 

ना सिर्फ पेट्रोल बम लोगों तक पहुंचाएं गए हैं बल्कि लोहे की रॉड और गुलेल,…

5 years ago

दिल्ली हिंसा में दंगाइयों ने हिन्दुओं के इलाकों में सबसे अधिक इस चीज को नुकसान पहुंचाया है

करावल नगर में ही 100 से ज्यादा वाहन जले हुए मिल रहे हैं लेकिन अंदर…

5 years ago

IND vs NZ: पहले ही दिन दूसरा टेस्ट मैच हार गयी इंडियन क्रिकेट टीम, शर्म से हुआ भारत पानी-पानी

IND vs NZ: भारत और न्यूजीलैंड के बीच में शुरू हुआ दूसरा टेस्ट मैच पहले…

5 years ago