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महाराष्ट्र का यह दबंग मंत्री जनता की रक्षा के लिए आदमखोर तेंदुए से लड़ने को हो गया तैयार !

जनता की सेवा करने का दम भरने वाले अधिकांश नेता सिर्फ भाषणों के जरिए ही अपनी जनता के प्रति संवेदना का भाव व्यक्त करते हैं, लेकिन जनता की रक्षा करने या उनके हकों की लड़ाई लड़ने के लिए कोई नेता मैदान में नहीं उतरता है.

शायद ही ऐसा कोई नेता होगा जो जनता की रक्षा करने के लिए खुद की जान को दांव पर लगा दे, पर यहां हम आपको बताना चाहते हैं कि महाराष्ट्र के चालिसगांव में एक ऐसा ही हैरान करनेवाला वाकया सामने आया है.

जहां अपनी जनता को आदमखोर तेंदुए के खौफ से बचाने के लिए एक मंत्री ने खुद तेंदुए का सामना करने की ठान ली और अपनी जान हथेली पर लेकर जंगल की ओर निकल पड़ा.

आदमखोर तेंदुए ने 5 लोगों को बनाया अपने आतंक का शिकार

दरअसल पिछले कुछ महीनों से महाराष्ट्र के चालिसगांव में एक आदमखोर तेंदुए ने अपना आतंक फैला रखा है. यहां रहनेवाले लोग तेंदुए की इस दहशत से बेहद खौफज़दा हैं. यह आदमखोर तेंदुआ अब तक 5 लोगों की जान भी ले चुका है.

तेंदुए के इस आतंक में अपनी जान गंवानेवाले लोगों के परिवार वालों को दिलासा देने और उनकी हिम्मत बढ़ाने के लिए महाराष्ट्र के सिंचाई मंत्री गिरीश महाजन ने चालिसगांव का दौरा किया.

तेंदुए के हमले में मारी गई एक महिला के परिवार को जैसे ही दिलासा देने के लिए गिरीश महाजन वहां पहुंचे, वैसे ही उन्हें पास के गांव में तेंदुए के होने की खबर मिली.

तेंदुए को पकड़ने अकेले ही जंगल की ओर निकल पड़े मंत्री

बताया जाता है जैसे ही कुछ लोगों ने मंत्री गिरीश महाजन को पास के गांव में तेंदुए के होने की खबर दी, उन्होंने फौरन वन विभाग के लोगों को बुलाया और उनके साथ तेंदुए को मारने के लिए जंगल की ओर निकल पड़े.

हालांकि इस दौरान मंत्री गिरीश महाजन की सुरक्षा में कोई पुलिसकर्मी या सुरक्षागार्ड मौजूद नहीं था और वो अकेले ही शेर की तरह तेंदुए का पीछा करने लगे. तेंदुए का पीछा करते वक्त गिरीश महाजन ने उसपर अपनी पिस्तौल से गोली भी दागी लेकिन वो वहां से भागने में कामयाब रहा.

विपक्ष ने मंत्री पर लगाया नियमों के उल्लंघन का आरोप

सिंचाई मंत्री गिरीश महाजन चाहते तो गांव में तेंदुए के होने की खबर मिलते ही अपनी गाड़ी में बैठकर वापस लौट सकते थे लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया, गांववालों को मुसीबत में छोड़कर भागने के बजाय उन्होंने अकेले ही उस तेंदुए का सामना करने का फैसला किया.

लेकिन उनके द्वारा उठाए गए इस कदम के बाद विपक्षी पार्टी एनसीपी ने ना सिर्फ उनका विरोध जताया है बल्कि उनसे इस्तीफे की मांग भी कर रहा है.

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने सिंचाई मंत्री पर वन विभाग के कानून को तोड़ने का आरोप लगाते हुए इस्तीफा मांगा है. उधर सिंचाई मंत्री का कहना है कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया है क्योंकि वन विभाग ने ही तेंदुए को मारने का आदेश जारी किया था.

उन्होंने कहा कि वो खुद शाकाहारी है और जानवरों से बेहद लगाव रखते हैं लेकिन गांववालों को मुसीबत में छोड़कर वहां से निकलना उन्हें मंजूर नहीं था इसलिए वो वन विभाग के कर्मचारियों और अफसरों के साथ तेंदुए को पकड़ने के लिए अपनी पिस्तौल लेकर जंगल की ओर निकल पड़े लेकिन तेंदुआ उन्हें चकमा देकर वहां से भागने में कामयाब रहा.

बहरहाल, यहां यह सवाल उठता है कि अगर एक मंत्री जनता की रक्षा करने के लिए अपनी जान को दांव पर लगाकर अकेले ही तेंदुए से लड़ने के लिए निकल पड़ता है तो ऐसे में उसकी इस बहादूरी की तारीफ करने के बजाय इस्तीफे की मांग करके विपक्ष आखिर अपना राजनीतिक स्वार्थ साधने में क्यों जुट गया है.

Anita Ram

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Anita Ram

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